पूजा के लिए आसन बिछाने के पीछे है वैज्ञानिक कारण

पूजन के लिए आसन
पूजन के लिए आसन

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को लेकर कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं और इनका पालन करने से जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान आपका तन और मन दोनों ही पवित्र होना चाहिए। पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियमों में से एक है किसी आसान में बैठकर पूजा करना। मान्यता है कि पूजा कभी भी जमीन पर सीधे बैठकर नहीं करनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार जब भी आप पूजा-पाठ करें आपको एक चटाई या आसन बिछा लेना चाहिए।

क्या हैं आसन पर बैठने के फायदे

पूजन के लिए आसन
पूजन के लिए आसन

पूजा के दौरान आसन का इस्तेमाल करने से शरीर को आराम मिलता है। विशेषकर जब आप किसी लम्बे अनुष्ठान के लिए बैठते हैं तो इससे शारीरिक आराम मिलता है। जिससे आपका पूरा ध्यान पूजा पर बना रहता है। पूजा-पाठ करते समय पवित्रता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आसन का इस्तेमाल करने से पूजा के दौरान पवित्रता बनी रहती है। इससे व्यक्ति, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वस्छता की स्थिति में बना रहता है।

क्यों न करें जमीन पर बैठकर पूजा

पूजा के समय स्वस्छता बनाए रखना जरूरी है। सीधे जमीन पर बैठकर पूजा करने से व्यक्ति की स्वच्छता भंग होती है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि जमीन पर बैठकर पूजा करने से व्यक्ति के शरीर में उत्पन्न हुई ऊर्जा जमीन द्वारा अवशोषित कर ली जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूजा के दौरान सूती, रेशमी या ऊनी आसन का प्रयोग करना अच्छा रहता है। आसन हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए।

किन बातों का रखें ध्यान

आसन का प्रयोग करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे की पूजा के दौरान एक व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए आसन को कोई दूसरा व्यक्ति प्रयोग में न लाए। पूजा करने के बाद आसान को उसी जगह पर रखकर न छोड़ें बल्कि, उसे उचित स्थान पर रखना चाहिए। पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले आसन को किसी और काम में नहीं लेना चाहिए। और न ही कभी पूजा के बाद सीधे आसन छोड़ देना चाहिए। थोड़ा सा जल भूमि पर अर्पित करके धरती को प्रणाम करें उसके बाद आसन छोड़े।

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