मोरबी हादसा ; मन में अनहोनी की आशंका हुई, आधे रास्ते से लौटा, थोड़ी देर बाद…

मोरबी पुल हादसा
मोरबी पुल हादसा

प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई दहशत के लम्हों की दास्तां

कहा जाता है कि जिसका काल आ जाता है उसे कोई नहीं बचा सकता और जिसका जीवन बचा है उसे कोई मार नहीं सकता। रविवार को गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसा इसका जीता जागता उदाहरण है। अहमदाबाद के रहने वाले विजय गोस्वामी ऐसे शख्स हैं जो घटना से ठीक पहले मोरबी पुल पर मौजूद थे, लेकिन भारी भीड़ को देखकर उन्हें अनहोनी की आशंका होने लगी थी। वे आधे रास्ते से परिवार सहित वापस लौट आए। थोड़ी ही देर हुई थी कि पुल गिरने की खबर आ गई। यह सुन वे सन्न रह गए और बचाने के लिए भगवान का शुक्र अदा किया। आइए जानते हैं विजय की जुबानी घटना की कहानी।

हादसे में बाल-बाल बचे विजय

मोरबी पुल हादसा
मोरबी पुल हादसा

विजय ने बताया कि वह रविवार (30 अक्टूबर) दोपहर के वक्त अपने परिवार के साथ मोरबी के केबल ब्रिज पर गए थे। उस वक्त पुल पर काफी लोग मौजूद थे। किसी अनहोनी के डर से वह पुल के आधे रास्ते से ही लौट गए। कुछ घंटे बाद विजय का डर सही साबित हुआ और वह पुल टूट गया। इस हादसे में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत होने की खबर है।

विजय ने बताई आंखों देखी

विजय के मुताबिक, जब वह और उनके परिजन पुल पर पहुंचे तो कुछ युवक जानबूझकर पुल को जोर-जोर से हिला रहे थे। इससे आने-जाने वालों को काफी दिक्कत हो रही थी। ऐसे में विजय को लगा कि इस पुल पर रुकने में खतरा हो सकता है। इसके चलते वह और उनके परिजन बिना आगे बढ़े पुल से लौट आए। विजय ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पुल के स्टाफ को भी जानकारी दी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

दिवाली की छुट्टी मनाने गए थे विजय

विजय ने बताया कि वह दिवाली की छुट्टियां मनाने के लिए परिवार के साथ मोरबी गए थे। विजय के मुताबिक, युवकों के जानबूझकर पुल हिलाने से वहां बिना किसी सहारे के खड़े रहना आसान नहीं था। मैंने इस बारे में पुल के कर्मचारियों को बताया, लेकिन उनका ध्यान ज्यादा से ज्यादा टिकट बेचने पर था। कर्मचारियों का कहना था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई सिस्टम नहीं है। गौरतलब है कि घटनास्थल के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें कुछ युवक जानबूझकर रस्सी पर लात मारते दिखे।

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