गोल्डन बीच समेत देश के इन 8 समुद्र तटों को मिला प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग

एफईई डेनमार्क ने ओडिशा राज्य में स्थित गोल्डन बीच को प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया है। गोल्डन बीच देश के उन 8 समुद्र तटों में शामिल है, जिन्हें ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिए गए हैं।

इस बात जानकारी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दी है। उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि यह जानकारी शेयर करते हुए बेहद खुश हूं कि एफईई डेनमार्क की तरह से गोल्डन बीच को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है। यह इको-लेबल विश्व स्तरीय हैरिटेज सिटी के आकर्षण में चार चांद लगाएगा।

देश के 8 समुद्र तटों को एक साथ ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिया गया है। ये 8 समुद्र तट शिवराज बीच (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पदुबिद्री बीच (कर्नाटक), कप्पड बीच (केरल), रुशिकोंडा बीच (आंध्रप्रदेश), गोल्डन बीच बीच (ओडिशा) और राधानगर बीच (अंडमान-निकोबार) हैं। एफईई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। जब एक एक देश के 8 समुद्र तटों को एक बार’ब्लू फ्लैग टैग मिला है। आइए ‘ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन के बारे में विस्तार से जानते हैं-

क्या है एफईई

एफईई का पूरा नाम फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन Foundation for Environmental Education है। इसकी स्थापना सन 1987 में की गई थी। उस समय महज पांच देश इसके सदस्य थे। एफईई एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा देना है। FEE पांच कार्यक्रमों के माध्यम से सक्रिय है। इनमें एक ब्लू फ्लैग है।

ब्लू फ्लैग क्या है

ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन एक वैश्विक सम्मान है जो साफ और सुरक्षित समुद्र तटों को दिया जाता है। अगर कोई समुद्र तट एफईई के 33 मानदंडों पर खड़ा उतरता है, जिनमें पर्यावरण, शैक्षिक और सुरक्षा आदि शामिल हैं। ऐसे तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिया जाता है। देश के 8 समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिया गया है।