जयपुर की इमारतों का रंग गुलाबी होने के पीछे की यह है वजह

पिंक सिटी जयपुर
पिंक सिटी जयपुर

इस शख्स ने पहली बार कहा था पिंक सिटी

जयपुर राजस्थान की राजधानी है, जिसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर शहर महाराजा सवाई जयसिंह ने बसाया था, इसलिए इस शहर को जयपुर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि सन 1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट द्वितीय जयपुर आने वाले थे। उनके स्वागत के लिए महाराजा सवाई जयसिंह ने इसे गुलाबी रंग से रंगवा दिया। जब अल्बर्ट ने इस शहर को देखा तो वे यहां की खूबसूरती से बहुत प्रभावित हुए और उनके मुंह से अचानक निकल पड़ा पिंक सिटी। तब से इस शहर को लोगों ने पिंक सिटी कहना भी शुरू कर दिया और धीरे धीरे ये नाम दुनियाभर में प्रचलित हो गया।

इस राजा ने बसाया जयपुर शहर

पिंक सिटी जयपुर
पिंक सिटी जयपुर

जयपुर को कछवाहा वंश के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 18 नवंबर, 1927 में बसाया था। इस शहर को बसाने में उन्होंने बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद ली थी। राजस्थान के इस शहर को चारों तरफ से सूर्य के सात घोड़ों पर आधारित 7 दरवाजों और परकोटों के बीच बसाया गया है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त होने की वजह से महाराजा ने इन दरवाजों में से एक का नाम कृष्ण पाल रखा था, जिसे अब अजमेरी गेट के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा शहर के बीच एक चौक और तालाब बनवाया गया, जो तालकटोरा कहा जाता है। साथ ही आज जिस सिटी पैलेस को देखने देश-दुनिया से लोग जयपुर आते हैं, उसे जयनिवास उद्यान के सामने राज महल के रूप में बनाया गया था।

कैसे पड़ा शहर का नाम ‘जयपुर’

पिंक सिटी जयपुर
पिंक सिटी जयपुर

इस शहर का नाम जयपुर पडऩे के पीछे भी दिलचस्प कहानी है। चूंकि इस शहर की स्थापना सवाई जयसिंह ने की थी, इसलिए इस शहर को जयपुर कहा गया। वहीं, बात करें शहर के पिंक सिटी बनने की तो, ऐसा माना जाता है कि इस शहर को पिंक सिटी का नाम प्रिंस अल्बर्ट द्वारा दिया गया था। दरअसल, साल 1853 में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स के युवराज अल्बर्ट जयपुर आने वाले थे। ऐसे में दोनों के स्वागत की तैयारियों में जुटे महाराजा सवाई राम सिंह ने पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया था।

ऐसे में ‘पिंक सिटी’ बना जयपुर

स्वागत की तैयारी करते समय महाराजा के मन में विचार आया कि क्यों ना शहर को एक रंग में रंग दिया जाए। बस फिर क्या था उन्होंने अपने इस विचार पर आगे बढ़ते हुए उच्च अधिकारियों से इस बारे में विचार विमर्श किया और फिर परकोटे में स्थित पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया। इसके बाद जब प्रिंस अल्बर्ट जयपुर पहुंचे तो हम राजा की मेहमानवाजी और शहर का यह गुलाबी नजारा देख हैरान रह गए और शहर को देख उनके मुंह से पिंक सिटी नाम निकला। बस तभी से जयपुर को पिंक सिटी यानी गुलाबी शहर कहा जाने लगा।

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