टोक्यो पैरालिंपिक में राजस्थान के तीन खिलाड़ियों ने लहराया परचम, जानिए तीनों पदकवीरों के संघर्ष की दास्तां

जयपुर की अवनि लेखरा ने शूटिंग स्पर्धा में गोल्ड, चूरू के जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझडिय़ा ने रजत और करौली के सुंदर सिंह गुर्जर ने भी भाला फेंक प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीता

खेल डेस्क। टोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय खिलाडिय़ों ने बड़ी सफलता हासिल की है। इसी खेल आयेाजन में राजस्थान के खिलाडिय़ों ने भी अपनी खेल क्षमता का परिचय देते हुए प्रदेश का नाम का रोशन किया है। टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक में राजस्थान के खिलाडिय़ों ने अपना परचम लहराया है। राजस्थान के तीन खिलाडिय़ों ने अलग-अलग खेलों में मेडल हासिल कर इतिहास रच दिया है। अवनि लेखरा ने महिला 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्पर्धा के एसएच-1 फाइनल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता है वहीं जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझडिय़ा ने रजत और सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर तक भाला फेंककर ब्रॉन्ज मेडल जीता है। इस सफलता पर पूरा प्रदेश गर्व कर रहा है साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन तीनों खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए इनाम की घोषणा की है। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर अवनि लेखरा को स्वर्ण जीतने पर 3 करोड़, देवेंद्र झाझडिय़ा के सिल्वर जीतने पर 2 करोड़ और सुन्दर सिंह गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर 1 करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की।

जयपुर की अवनि लेखरा स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के चलते पैरालाइज हुईं थीं

अवनि लेखरा ने महिला 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्पर्धा के एसएच-1 फाइनल मुकाबले में शानदार परफॉर्मेंस देकर इतिहास रच दिया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने 249.6 पॉइंट हासिल किए, जो कि दिसंबर, 2018 में यूक्रेन की इरिना शेटनिक के बनाए विश्व रिकॉर्ड के बराबर है। पैरालिंपिक्स खेलों के इतिहास का नया रिकॉर्ड है। अवनि राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं। महज 11 साल की वो एक रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गई थीं। इस एक्सीडेंट में अवनि स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के चलते पैरालाइज हो गईं थीं। इतना होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारीं और कड़ी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है।

चूरू के देवेंद्र झाझडिय़ा दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन बने

वहीं पैरालिंपिक जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझडिय़ा ने रजत पदक जीता है। झाझडिय़ा पैरालिंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन हैं। 2004 पैरालिंपिक एथेंस में उन्होंने पहला स्वर्ण पदक जीता था। रियो डी जनेरियो, 2016 पैरालिंपिक खेल में उन्होंने अपने पहले रिकॉर्ड को बेहतर बनाते हुए, एक ही टूर्नामेंट में दूसरा स्वर्ण पदक जीता था। 40 साल के देवेंद्र झाझडय़िा चूरू के रहने वाले हैं। उन्हें पैरा-एथलेटिक्स के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, पद्म श्री और अर्जुन अवार्ड मिल चुका है। उन्होंने टोक्यो में 64.35 मीटर की दूरी तक भाला फेंकते हुए देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है। देवेंद्र झाझडिय़ा का हाथ आठ साल की उम्र में पेड़ पर चढ़ते समय करंट लगने से हुए हादसे के कारण काटना पड़ा। लेकिन देवेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। परिजनों ने उसकी काबिलियत को देखते हुए आगे बढ़ाया। उसका उत्साहवर्धन किया। निशक्तता के बावजूद इस युवा ने एथलेटिक्स को चुना। 10 जून 1981 को जन्मे देवेन्द्र तैयारी के लिए सुबह-शाम और दोपहर खेतों में लकड़ी का भाला बनाकर फेंकते थे।

सुंदर सिंह गुर्जर के टीन शेड से हाथ कटे, हिम्मत नहीं हारी, जीत कर दिखाया मेडल

25 वर्षीय सुंदर सिंह गुर्जर ने इसी स्पर्धा का कांस्य पदक जीता है सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर तक भाला फेंककर ब्रॉन्ज मेडल जीता है। करौली जिले के हिंडौन के रहने वाले हैं। सुंदर सिंह गुर्जर भारतीय पैरालिंपिक भाला फेंक, शॉट पुटर और डिस्कस थ्रोअर हैं। जो एफ-46 स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करते हैं। उन्होंने पंचकूला में 16वीं पैरा एथलेटिक्स राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में तीन स्पर्धाओं में 3 गोल्ड मेडल जीतकर विश्व रिकॉर्ड भी बना रखा है। सुंदर सिंह गुर्जर अपने दोस्त के घर गए, जहां आंधी में घर के आगे लगी टीन शेड उडक़र सुंदर के ऊपर आ गिरी। इस हादसे में उनका बायां हाथ कट गया। वे पैरालिंपिक में भाग नहीं ले पाए। हालांकि, सुंदर ने हार नहीं मानी और एक हाथ को ही अपनी मजबूती बनाई। अपनी मेहनत से वे पैरालिंपिक गेम्स के लिए क्वालिफाई कर गए। अब मेडल जीतकर उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया।

खेलों की इन कैटेगरी में जीते पदक, वन विभाग में मिली नियुक्ति

जयपुर की अवनि लेखरा ने राइफल शूटिंग में सटीक निशाना लगाकर गोल्ड मेडल जीता है। चूरू के पैरालिंपिक जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझडिय़ा ने सिल्वर मेडल और करौली जिले के सुंदर सिंह गुर्जर ने पुरुष जेवलिन थ्रो इवेंट ब्रॉन्ज पदक जीता है। आपको बता दें कि तीनों खिलाडिय़ों को पहले से ही राज्य सरकार के वन विभाग में एसीएफ के पद पर नियुक्ति दी जा चुकी है।

देश-प्रदेश का नाम रोशन किया, आप पर गर्व है: मुख्यमंत्री गहलोत

मुख्यमंत्री ने तीनों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के खिलाडिय़ों ने पदक जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया है, हमें उन पर बेहद गर्व है। मुख्यमंत्री गहलोत ने अवनि लेखरा को गोल्ड जीतने पर शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट कर लिखा है कि शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स में पहली बार गोल्ड जीतने पर जयपुर की अवनि लेखरा को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।