राज्यसभा में तोमर बोले-संशोधन का मतलब ये नहीं की कृषि कानून में कोई गलती है

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष को जवाब दिया। तोमर ने कहा, अगर सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार है तो इसके ये मायने नहीं लगाने चाहिए कि कृषि कानून में कोई गलती है।

यह एक ही राज्य का मसला है। कॉन्ट्रैक्ट एक्ट में कोई एक प्रावधान बता दीजिए जो किसान विरोधी हो। किसानों को बरगलाया गया है। दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भाजपा ऐसा नहीं कर सकती।

इससे पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रवासी मजदूरों और किसानों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद देश के हालात सबको पता हैं। उन लोगों को भी जिनके रोजगार गए, परिवार तबाह हो गए। किसानों को उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने को मजबूर किया गया। इसकी जिम्मेदार सरकार है।

आनंद शर्मा ने कहा, राष्ट्रपति के अभिभाषण में महामारी के दौरान सरकार की उपलब्धि तो बता दी गई, लेकिन लॉकडाउन के समय प्रवासी और लाखों मजदूर परेशान हो गए, पैदल चलने को मजबूर हो गए। रेलगाडिय़ां कहां की कहां चली गईं। एक बच्चा स्टेशन पर अपनी मरी हुई मां के शरीर से कंबल हटाता है। यह संवेदनहीनता है, लेकिन इसकी कोई चर्चा नहीं की गई।

शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार का निराशाजनक प्रशंसापत्र है। इसमें कृषि कानूनों का अनावश्यक जिक्र दुर्भाग्यपूर्ण है। हम जानते हैं कि राष्ट्रपति वही पढ़ते हैं, जो सरकार देती है। एक तरफ संघर्ष चल रहा है, दूसरी तरफ अभिभाषण में कृषि कानूनों की तारीफ हो रही है, इससे बढ़कर दुख की बात नहीं हो सकती।

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