दक्षिण भारत की होली का लुत्फ उठाने विदेशों से आते हैं पर्यटन

होली
होली पर्व

इस बार जरा आप भी घूम आइए

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हिंदू पर्व होली की धूम दुनिया के कई देशों में होती है। भारतीय पर्व होली को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के लगभग हर राज्य में होली अलग अलग मनाते हैं। हालांकि कुछ जगहों पर होली मनाने की परंपरा और नाम अलग है। उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक होली को उत्सव की तरह मनाते हैं। होली का नाम आते ही सबसे पहले मथुरा, बरसाना और वृंदावन की याद आती है। होली का जश्न श्रीकृष्ण की नगरी में बहुत ही खास तरीके से होता है। हालांकि दक्षिण भारत की होली भी मशहूर है। विदेशी पर्यटक होली पर दक्षिण भारत की यात्रा पर जाना पसंद करते हैं। केरल कर्नाटक की मशहूर होली का आनंद देश विदेश के लोग लेते हैं। अगर आप भी इस वर्ष होली की छुट्टी में घर से दूर कहीं इस पर्व को मनाना चाहते हैं तो दक्षिण भारत घूम लीजिए।

हंपी, कर्नाटक की होली

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दक्षिण भारत का सबसे मशहूर होली उत्सव कर्नाटक के हंपी शहर में मनाया जाता है। हंपी में दो दिन के होली उत्सव को अनोखे तरीके से मनाते हैं। यहां दूर दराज से लोग पहुंचते हैं और हंपी की ऐतिहासिक गलियों में ढोल नगाड़ों की थाप पर जुलूस निकालते हैं। इस दौरान लोग नाचते गाते हैं और कई घंटों तक रंग खेलते हैं। होली खेलने के बाद स्थानीय और पर्यटक तुंगभद्रा नदी और आसपास की सहायक नहरों में स्नान के लिए जाते हैं।

केरल की होली

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दक्षिण भारत के राज्य केरल में भी होली खास तरीके से मनाते हैं। केरल में होली को मंजुल कुली और उक्कुली के नाम से जाना जाता है। यहां जाकर आप होली का नया अनुभव ले सकते हैं।

तमिलनाडु की होली

तमिलनाडु में होली को लेकर अलग मान्यता है। तमिलनाडु में होली को कमान पंडिगई, और कामा-दाहानामा कहा जाता है। यहां के लोग इस दिन को कामदेव की बलि के रूप में मनाते हैं।

नहीं खेलते रंगों की होली

दक्षिण भारत के कई राज्यों में होली नहीं मनाई जाती है। कुछ जगहों पर होली के मौके पर रंगों से खेलने पर बचा जाता है। मुन्नार, अंडमान निकोबार और महाबलीपुरम में होलिका दहन के बाद बुझी हुई आग की राख को माथे पर विभूति के रूप में लगाते हैं और अच्छे स्वास्थ्य के लिए चंदन, हरी कोंपलों व आम के वृक्ष के बोर को मिलाकर लगाते हैं।

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