उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेगी तृणमूल कांग्रेस, आखिर क्यों, यहां पढ़ें

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कोलकाता । उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की एकजुटता को पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने तगड़ा झटका दिया है। पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है।

दरअसल, 21 जुलाई को शहीद दिवस कार्यक्रम के बाद कोलकाता में पार्टी के संसदीय दल की बैठक हुई जिसमें लोकसभा में पार्टी के नेता सुदीप बनर्जी सहित अन्य सांसद उपस्थित थे। पार्टी के पदाधिकारियों ने भी इसमें हिस्सा लिया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने पत्रकारों को बताया कि तृणमूल कांग्रेस उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संसद के दोनों सदनों में 35 सांसदों वाली तृणमूल कांग्रेस को दरकिनार कर विपक्ष ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन किया है, वह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को तृणमूल कांग्रेस के समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता। इसलिए पार्टी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पर 17 विपक्षी दलों ने बैठक कर कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। इस बैठक में भी तृणमूल कांग्रेस मौजूद नहीं थी। अल्वा के नामांकन में भी तृणमूल का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। हालांकि एक दिन पहले तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने इस बात के संकेत दिए थे कि उनकी पार्टी जगदीप धनखड़ का समर्थन कर सकती है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार की जिताने के लिए भाजपानीत एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल है। वाईएसआर कांग्रेस, बीजेडी, अन्नाद्रमुक आदि ने भी जगदीप धनखड़ के समर्थन की घोषणा पहले ही कर दी है। मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही शरद पवार ने दावा किया था कि विपक्ष एकजुट है लेकिन तृणमूल कांग्रेस का गुरुवार को लिया गया फैसला विपक्षी एकजुटता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।