राजस्थान के दो कलक्टर, एक ने घर-घर जाकर पिलाया काढ़ा, दूसरे ने मास्क सेनेटाइजर, साबुन बांटे, जिले को बना दिया कोरोना फ्री

आयुर्वेद, Ayurvedaa
आयुर्वेद, Ayurveda
  • चूरू जिला कलक्टर ने खुद घर घर जाकर लोगों को पिलाया काढ़ा
  • प्रतापगढ़ की जिला कलक्टर ने लगातार कई दिनों तक क्षेत्र में घूमंते हुए लोगों को मास्क, सेनेटाइजर, साबुन और तौलिये बांटे
  • सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरुक किया

कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतने के लिए हमारे कोरोना वारियर्स हर संभव प्रयास कर रहे हैं और देश के हर नागरिका की जान बचाने के लिए खुद सडक़ों पर उतर आए हैं। उनमें से एक प्रशासनिक अधिकारी भी हैं जो अपने अपने शहरों में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

लेकिन, राजस्थान जिले के ऐसे दो भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो ऐसे अधिकारी (कलक्टर) भी हैं जो लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए अलग ही भूमिका निभा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के चूरू जिला कलक्टर संदेश नायक और दूसरी प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर अनुपमा खेरवाल की।

राजस्थान के चूरू ओर प्रतापगढ़ जिले के कलक्टर ने यह मिसाल पेश की है

चूरु जिला कलक्टर संदेश नायक
चूरु जिला कलक्टर संदेश नायक खुद गांवों में घूमकर लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पीने को लेकर जागरूक कर रहे हैं । ग्रामीणों को वे खुद अपने हाथ से काढ़ा पिलाते हैं। इसके अलावा कलक्टर ने तहसीलदार से लेकर पटवारी व शिक्षकों तक को गांवों में जाकर काढ़ा पिलाने के निर्देश जारी किए हुए हैं।

जिला कलक्टर संदेश नायक का कहना है कि यह आर्युेदिक पद्धति हमारी हजारों वर्षों पुरानी चिकित्सकीय परंपरा है। इस काढ़े से लोगों की इम्यूनिटी पावर मजबूत होती जिससे वह आसानी से कोरोना जैसी बीमारी का मुकाबला कर पाएंगे। संदेश नायक का कहना है कि काढ़ा पिलाने का सिलसिला यहां दिसंबर माह से चला आ रहा है जब यहां स्वाइन फ्लू आउटब्रेक चल रहा था।

काढ़े में लोंग,सौंठ,तुलसी के पत्ते,काली मिर्च एवं बड़ी इलायची मिलाकर पिलाया जाता है। उनका कहना है कि यह कारोना का इलाज से होगा यह तो कहना मुश्किल है लेकिन, इस काढ़े से इंसान की इम्यूनिटी, प्रतिरोधक क्षमता यानि शरीर में रोगों को झेलने की क्षमता बढ़ जाती है जिससे वह आसनी से ऐसे रोगों का मुकाबला कर सकते हैँ।

कलक्टर संदेश नायक गांवों में घुमकर लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पिला रहे हैं

चूरू में अगर कोरोना संक्रमण की बात की जाए तो याहां 863 सैम्पल लिए गए थे। इनमें 14 कम्यूलेटिव पॉजिटिव सामने आए। जिनमें 11 रिकवर्ड हो चुके हैं जबकि 9 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। अभी तक यहां कोई नया केस सामने नहीं आया है।

प्रतापगढ़ जिला कलक्टर अनुपमा खेरवाल

अगर प्रतापगढ़ जिला कलक्टर अनुपमा खेरवाल की बात करें तो कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी लड़ाई में इनकी भूमिका भी बहुत ही दमदार है ओर यह अपने अंदाज जिले को लगभग कोरोना संक्रमण से मुक्त बना चुकी हैं।

प्रतापगढ़ आदिवासी इलाका माना जाता है, ऐसे में यहां लोगों को जागरुक करना और उनको संगठित कर कोरोना वायरस से लडऩे के लिए तैयार करना बड़ा मुश्किल काम है, लेकिन जिला कलेक्टर अनुपमा खेरवाल ने यह संभव कर दिखाया है। जिला कलेक्टर सहित पूरी सरकारी मशीनरी को आदिवासियों के बीच जाकर कोरोना से बचाव को लेकर जागरूक कर रहे हैं साथ ही आदिवासियों की बिखरी हुई आबादी होने के कारण उनके पास खाघ सामग्री,दवाईयां,साफ पानी और सेनेटाइजर पहुंचाना बड़ा मुश्किल काम है।

चूरू जिला कलक्टर संदेश नायक और दूसरी हैं प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर अनुपमा खेरवाल

इसके अलावा वह खुद आदिवासी क्षेत्रों मे साबुन,टॉवल,सेनेटाइजर और मास्क वितरित करती है और उन्हें साफ सफाई के अलावा इस बीमारी के बारे में जागरुक करती हैं। इतना ही नहीं सामाजिक दूरी यानि सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर लोगों को पूरी जानकारी देती हैं।

इसके अलावा सरकारी और गैर सरकारी या निजी संस्थाओं से मिलने वाली मदद से आदिवासियों में सेनेटाइजर,मास्क व साबुन पहुंचावा रही हैँ। आटा,दाल,चांवल,मसाले और अन्य सामान खुद जिला कलेक्टर अपनी गाड़ी में रखकर बांटती है।

इसी का नतीजा है कि प्रतापगढ़ में अभी तक कोई नया कोरोना पॉजिटिव सामने नहीं आया है। यहां दो पॉजिटिव सामने आए थे वह भी सही होकर डिस्चार्ज हो चुके हैँ।