ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के कोरोना वैक्सीन के दो फुल डोज बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स दे रहे

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी के कोरोना वैक्सीन (कोवीशील्ड) के दो फुल डोज बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स दे रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने गुरुवार रात यह जानकारी दी। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा- पहले हमने एक फुल और एक हाफ डोज देकर ट्रायल किया था। यानी कैंडिडेट को डेढ़ डोज दी गई थी। अब दो फुल डोज दिए गए। इनके नतीजे काफी बेहतर रहे।

करीब एक महीने पहले एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड ने वैक्सीन में मैन्युफैक्चरिंग एरर की बात मानी थी। तब वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के परिणाम जारी किए गए थे, जिसमें अलग-अलग नतीजे सामने आए थे।

गुरुवार को जारी बयान में ऑक्सफोर्ड ने अपनी वैक्सीन पर नए सिरे से जानकारी दी। कहा- हमने अपने कैंडिडेट्स को ट्रायल के दौरान वैक्सीन के दो फुल डोज दिए। इसके अच्छे नतीजे सामने आए। इसके पहले हमने एक फुल और एक हाफ डोज दिया था। इसकी तुलना में दो फुल डोज काफी कारगर साबित हुए।

कंपनी का ताजा बयान ऐसे वक्त सामने आया है जबकि पिछले दिनों उसने खुद अलग-अलग रिजल्ट्स की बात मानी थी। तब एक्सपर्ट्स ने इसके डेटा एनालिसिस पर भी सवाल उठाए थे। नए बयान में ऑक्सफोर्ड ने माना है कि वैक्सीन के रिजल्ट्स की पुष्टि के लिए अभी और काम किए जाने की जरूरत है।

ऑक्सफोर्ड ने एक महीने में दूसरी बार फेज 1 से फेज 3 के ट्रायल रिजल्ट्स जारी किए। हालांकि, इसमें पहले दिए गए डेढ़ डोज का रेफरेंस नहीं दिया गया। यूनिवर्सिटी का कहना है कि डेढ़ डोज दिए जाने वाले ट्रायल्स पहले से तय नहीं थे। अब ऑक्सफोर्ड का जोर अपनी वैक्सीन के दो फुल डोज दिए जाने पर ही है। उसका कहना है कि डेढ़ और दो डोज का प्रयोग करना उसकी रणनीति का हिस्सा था। इसी पर पहले सवाल उठ चुके हैं, क्योंकि डोज में फर्क से रिजल्ट्स में फर्क आना भी स्वाभाविक है।