किसान आंदोलन : केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा-दिल्ली बॉर्डर पर बैठे लोगों को गलतफहमियां, वे चर्चा से भाग रहे हैं

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज एक महीना हो गया है। इस बीच, केंद्रीय मंत्रियों के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गोयल ने शुक्रवार को कहा- दिल्ली बॉर्डर पर बैठे लोगों को गलतफहमियां हैं। वहां बैठे किसान एक ही इलाके से आते हैं। उन्होंने दो बार भारत बंद कराने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हुए। उनके पास कोई तर्क नहीं है, इसलिए वे चर्चा से भाग रहे हैं।

कृषि मंत्री बोले- किसानों को गुमराह करने वालों को जनता सबक सिखाएगी

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसानों के हमदर्द बनकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उनको भविष्य में जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़ सभी राज्य पीएम किसान सम्मान निधि योजना में शामिल हैं। मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर स्कीम में शामिल होने के लिए कहा है। वहां इस स्कीम से 70 लाख किसानों को फायदा होगा।

रक्षा मंत्री ने कहा- किसान चाहें तो चर्चा के लिए कृषि विशेषज्ञों को साथ लाएं

पीएम के किसानों को संबोधित करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- PM समेत हम सब किसानों से अपील करना चाहते हैं कि बैठिए, हर कानून पर हमारे साथ चर्चा कीजिए। मैंने तो यह भी अनुरोध किया है कि आप कृषि विशेषज्ञों को लाना चाहते हैं तो उन्हें भी लेकर आइए। सरकार बातचीत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

सरकार की चिट्ठी पर आज फैसला ले सकते हैं किसान

सरकार से बातचीत के न्योते की नई चिट्ठी पर किसान आज फैसला ले सकते हैं। सरकार की तरफ से गुरुवार को चिट्ठी लिखी गई थी। इसमें कहा कि किसान नेता बातचीत के लिए तारीख और समय तय कर बताएं। 8 दिन में सरकार ने किसानों को तीसरी चिट्‌ठी लिखी है। लेकिन, मांगें पूरी नहीं होते देख किसानों ने विरोध तेज कर दिया है।

हरियाणा में किसानों ने आज से टोल फ्री कर दिए। यह सिलसिला 27 दिसंबर तक जारी रहेगा। उधर, भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी। भाकियू (भानु) गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ हो सकती है।