विभिन्न झांकियां सजाई, सांस्कृतिक प्रतियोगिता में नेमी-राजुल प्रथम रहे

टोंक। जिले के जिनालयों में चल रहे दशलक्षण पर्व के तहत गुरुवार को उत्तम तप धर्म की पूजा करते हुए सुगंध दशमी पर्व मनाया। शाम को सभी जिनालय में धूप खेपण किया। इस मौके पर छोटे बच्चों ने झांकियां सजाई। श्री दिगंबर जैन नसिया में सुबह अभिषेक, शांतिधारा के बाद नित्य नियम पूजा अर्चना करके उत्तम तप धर्म की पूजा की।

श्रद्धालुओं ने दसलक्षण महामंडल विधान में अर्घ्य समर्पित किए। समाज के अध्यक्ष पदम चंद आडऱा व मंत्री धर्मेंद्र पासरोटियो ने बताया की सुगंध दशमी को लेकर शाम को जिनालय में धूप खेपण किया गया। समाज के प्रवक्ता पवन कंटान व कमल सर्राफ ने बताया की केसरिया साड़ी पहनी हुई महिलाएं और केसरिया धोती दुपट्टा में अभिषेक शांतिधारा एवं पूजा अर्चना की। इससे पहले रात को आरती, प्रश्न मंच, शास्त्र सभा के बाद देवरानी जेठानी सास बहू प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें प्रथम नेमी राजुल की जोड़ी, द्वितीय स्थान पर श्रीपाल मैना सुंदरी की जोड़ी एवं तृतीय स्थान पर सेठ सेठानी और सोमा-सती की जोड़ी विजेता रही।

पुरानी टोंक स्थित श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में सुगंध दशमी एवं दशलक्षण विधान पर सारिका सोनी, अनिता सोनी, सीमा सोनी, ?आशा सुनिता, बीना जैन, आशा जैन आदि महिलाओं ने पूजा की। बनेठा. उपतहसील मुख्यालय पर स्थित नेमीनाथ दिगंबर जैन मंदिर में गुरुवार को पर्यूषण पर्व के दौरान उत्तम तप धर्म मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान का अभिषेक पूजन से हुई। सबसे पहले बोलियों के माध्यम से वेदी पर विराजमान भगवान का प्रक्षाल किया गया जिसका सौभाग्य महावीर प्रसाद नेमीचन्द जैन को प्राप्त हुआ। धार्मिक मंत्रों के साथ नित्य नियम, दश लक्षण धर्म व सोलह करण की पूजा की गई।

सुगंध दशमी पर्व पर महिलाओं ने व्रत रखा। सूथड़ा ग्राम स्थित श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन सुखोदय तीर्थ पर गुरुवार को उत्तम संयम धर्म की पूजा की गई। इस अवसर पर मूल नायक मुनि सुव्रतनाथ भगवान की महा शान्तिधारा की गई। समिति अध्यक्ष महावीर पराणा निवाई ने बताया दसलक्षण पर्व के दौरान मंदिर में प्रतिदिन मूलनायक भगवान की विश्व कल्याण के लिए महाशान्तिधारा की जा रही है । टोडारायसिंह. शहर में पर्युषण पर्व के छठे दिन गुरुवार को जिनालयों में सुगंध दशमी व उत्तम तप धर्म की पूजा जैन धर्मावलंबियों ने हर्षोल्लास से मनाया। जिसमे श्रावक श्राविकाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। शहर के पार्श्वनाथ मंदिर, आदिनाथ मंदिर, पदमप्रभु जिनालय, रेण का मंदिर, मंडी का मंदिर आदि सभी जिनालयों में पर्वराज पर्युषण पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया।

पर्यूषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप के साथ सुगंध दसमी का पर्व पर सभी जिनालयों में सुगंध दसमी की पूजा भी की गई। महिलाओं ने उपवास रखा। शाम को सभी मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए धूप क्षेपण की गई। सायंकालीन संगीतमय भक्ताम्बर के पाठ के पुण्यार्जक कमल कुमार व दीपक कोठारी परिवार रहे। इस अवसर पर इस अवसर पर जैन समाज अध्यक्ष संत कुमार जैन सहित सैकडों जैन धर्मावलंबियों ने जिनालयों में जाकर भगवान के समक्ष सुगंधित धूप खेई। पंडित संजीव जी कासलीवाल ने धर्म सभा मे कहा कि दशलक्षण धर्म का सातवां कदम यानी ‘उत्तम तप धर्मÓतप को अध्यात्म का मूल माना गया है। तप शक्ति परीक्षण स्थल है, जो इसमें पास हो गया, वह मोक्ष को प्राप्त करने का हकदार हो जाता है।

देवली में झांकिया बनाई

देवली। जैन समाज ने गुरुवार को दश लक्षण पर्व के तहत सुगंध दशमी धूमधाम से मनाया। शहर व आसपास के जैन मंदिरों में के कार्यक्रम आयोजित हुए। इस दौरान शांतिनाथ मंदिर में विधान पूजन का आयोजन किया गया। समाज के श्रद्धालुओं ने सुगंध दशमी के तहत धूप सेवन किया इस दौरान जैन मंदिरों में अलग-अलग झांकियां बनाई। गुरुवार को सुगंध दशमी पर शहर के जिनालयों में विशेष पूजा अर्चना कर धूप सेवन किया। वही नन्हे-मुन्ने बच्चों ने जैन समाज की परंपरा अनुसार त्याग तपस्या से जुड़ी विभिन्न जीवंत झांकियां बनाई।

सुगंध दशमी पर्व मनाया

उनियारा। दशलक्षण पर्व के अवसर पर जैन समाज की ओर से सुगंध दशमी पर्व मनाया। समाज के सभी जैन श्रद्धालु नए वस्त्र धारण करके मंदिर में पहुंचकर धूपखेपण कर भगवान से सुख समृद्धि की कामना की। दिगंबर जैन चैत्यालय, आदिनाथ नसिया, श्री नेमिनाथ नसिया और गढ़ रोड स्थित श्री शीतलनाथ दिगंबर जैन मंदिर मैं भी सभी श्रद्धालुओं ने धूप खेपण किया। इस अवसर पर जिनेंद्र प्रभु की अभिषेक और शांति धारा की गई। शांति धारा करने के उपरांत मंदिर में उत्तम तप धर्म की पूजा की गई और विधान के अर्घ्य चढ़ाई गए।

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