शक्ति प्रदर्शन नहीं,ये भक्ति प्रदर्शन है

इस कार्यक्रम में राजनीति नहीं,धर्म नीति है

सरकार में धर्मनीति पर चलने वाले लोग नहीं

सरकार अपनी ही राजनीति में फँसी हुई है

इसलिय प्रदेश का विकास थम गया

अँधेरा छँटेगा-राजस्थान में फिर से कमल खिलेगा

वसुन्धरा राजे

मेरे जन्मदिन और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के साथ-साथ  पन्नाधाय की भी जयंती है।ऐसी वीरांगना को मैं नमन करती हूँ। प्रदेश भर से इतनी भारी संख्या में लोग मुझे जन्म दिवस की शुभकामनाएँ देने आये।उन सब की में दिल से आभारी हूँ। कई लोग इस कार्यक्रम को शक्ति प्रदर्शन के चश्मे से देख रहे है।शायद उन्हें जानकारी नहीं है-ये शक्ति प्रदर्शन नहीं,ये भक्ति प्रदर्शन है। आज का यह कार्यक्रम एक सुखद संयोग है।आज मेरे विधायिका के 36 साल पूरे हो रहे है। आज के दिन मैं पहली बार विधायक बनी।

तब से लेकर आज तक इन 36 सालों में प्रदेश की 36 की 36 कोमो ने मुझे दिल खोल कर प्यार और स्नेह दिया।मुझे पूरा विश्वास है कि यही प्यार और स्नेह मुझे मिलता रहेगा।इस स्थान पर यह कार्यक्रम रखने का एक उद्देश्य यह भी रहा कि मैं 8 मार्च 1985 को भरतपुर साम्भाग के धौलपुर से विधायक चुनी गई।

इस कार्यक्रम में राजनीति नहीं,धर्म नीति है,जिसके मार्ग पर में आरम्भ से ही चलती आयी हूँ।मेरी धर्म नीति है 36 की 36 कोमो का विकास और 36 की 36 कोमो का ही विश्वास।जब तक प्राण है-मैं 36 की 36 कोमो के लिए संघर्ष करती रहूँगी। क्योंकि मेरी माता जी ने मुझे धर्मनीति के मार्ग पर ही चलना सिखाया है।उन्ही से प्रेरित हो कर मैंने राजस्थान को एक धार्मिक प्रदेश बनाने का प्रयास किया। हमारी सरकार ने क़रीब 550 Cr. की लागत से 125 मंदिरो का विकास तथा 110 Cr की लागत से करीब 40 महापुरुषों और देवी-देवताओं के पैनोरमा का निर्माण करवा कर राजस्थान में धार्मिक पर्यटन स्थापित किया।

पर अब सरकार में धर्मनीति पर चलने वाले नहीं,राजनीति पर चलने वाले लोग बैठे हैं।जो विकास में राजनीति करते हैं।सरकार अपनी ही राजनीति में फँसी हुई है।इसलिए राजस्थान का विकास रुक गया है।पर आप चिंता ना करें अटल जी ने कहा था- अँधेरा छँटेगा-कमल खिलेगा।हम राजस्थान में फिर से कमल खिलाएँगे।