तम्बाकू मुक्त भारत बनाने हेतु तम्बाकू बिक्री के लिए वेन्डर लाइसेन्स प्रणाली आवश्यक : निदेशक

उभरते तंबाकू नियंत्रण मुद्दों पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होटल ललित में किया गया। कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निदेशक (जन स्वास्थ्य) व आयुक्त (फूड एण्ड सैफ्टी), डॉ. के के शर्मा ने कहा की तम्बाकू मुक्त भारत बनाने हेतु तम्बाकू बिक्री के लिए वेन्डर लाइसेन्स प्रणाली अपनाते हुए, कोटपा-2003 का प्रभावी क्रियान्वयन करने की महती आवश्यकता है।

शर्मा ने कहा की आमजन में तम्बाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने हेतु कानून लागू करने के साथ साथ जन जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए। निदेशक ने कहा की निरोगी राजस्थान के तहत प्रत्येक जिले के प्रत्येक गाँव में ग्राम स्वास्थ्य समिति के माध्यम से भी तम्बाकू उपभोग से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाती है। निदेशक डॉ. शर्मा ने कहा की राजस्थान में हुक्का बार व ई-सिगरेट पर पूर्णतः पाबंदी है।

कार्यशाला में राज्य तम्बाकू सेल के नोडल प्रभारी डॉ. एस एन धौलपुरीय ने राजस्थान तम्बाकू नियंत्रण सेल द्वारा किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। बिहार प्रदेश के प्रमुख शासन सचिव (शिक्षा) मनोज कुमार ने तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान अभियान पर प्रकाश डालते हुए बताया की बिहार में तंबाकू मुक्त युवा पीढ़ी बनाने के लिए राज्य की समस्त शिक्षण संस्थानों तंबाकू मुक्त किया जा रहा है। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने हेतु कार्य करने वाले 16 राज्यों के सलाहकार व स्वेच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।

द यूनियन के प्रतिनिधि व सीनियर तकनीकी सलाहकार डॉ. प्रणय लाल ने अवैध तम्बाकू व्यापार को रोकने के लिए प्रावधान व उनके क्रियान्वयन में प्रगति, कठिनाई व संभावनाओं पर विभिन्न राज्यों में किए जाने कार्यक्रमों की जानकारी दी। डॉ. अमित यादव ने अवैध तम्बाकू व्यापार को रोकने के लिए डबल्यूएचओ की गाइड्लाइन के अनुसार कार्य करने की सलाह प्रदान की।

सुप्रीम कोर्ट के ऐड्वोकेट रंजीत सिंह ने कोटपा-2003 के समस्त प्रावधानों व तंबाकू नियंत्रण करने हेतु अन्य कानूनों की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की नबलिकों को तम्बाकू से बचाने के लिए जे जे ऐक्ट के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए।

राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा की देश के तम्बाकू उपयोगकर्ता मे 70 प्रतिशत चबाने वाले तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण प्रतिवर्ष 14 लाख मौत के शिकार हो जाते हैं। कार्यशाला के अंत में एस.आर.के.पी.एस. प्रतिनिधि ज्योति चौधरी ने सभी का आभार प्रकट किया।

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