उडुपी
कर्नाटक में पेजावर मठ के प्रमुख विश्वेश तीर्थ स्वामी (88) का रविवार सुबह उडुपी स्थित श्रीकृष्ण मठ में निधन हो गया। उन्होंने सुबह 9.30 बजे अंतिम सांस ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने स्वामी जी के निधन पर तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। 20 दिसंबर को सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां जीवन रक्षक प्रणाली में रखे जाने के बावजूद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने अस्पताल छोड़कर वापस मठ जाने की इच्छा जता दी थी। कस्तूरबा अस्पताल ने शनिवार को स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा था कि स्वामी की हालत बहुत गंभीर है और उनकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। वे अचेत हैं। हालांकि, इसके बावजूद मठ के अधिकारी उन्हें आश्रम ले गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वामीजी के निधन पर शोक जताया। इसके अलावा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उमा भारती के थे गुरु
विश्वेश स्वामी मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता उमा भारती के गुरु थे। उमा ने कहा कि उनके गुरु एक बड़े कर्म योगी थे और उन्होंने ही मुझे कर्म योगी बनने की दीक्षा दी। वे करीब एक सप्ताह से उडुपी में ही हैं। उमा ने 1992 में स्वामी जी से संन्यास दीक्षा ली थी। रविवार को विश्वेश तीर्थ स्वामी को केएमसी अस्पताल से मठ ले जाया गया था और मठ में उनका इलाज जारी रहने की बात कही गई थी। जहां उनका निधन हो गया। इसकी पुष्टि उडुपी के विधायक के रघुपति भट ने की। उडुपी में रविवार को विश्वेश तीर्थ स्वामी को राजकीय सम्मान दिया गया।
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम मोदी ने ट्वीट कर स्वामी जी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, स्वामीजी उन लाखों लोगों के दिलो-दिमाग में रहेंगे, जिन्हें उनसे मार्गदर्शन मिला। गुरु पूर्णिमा में उनसे मिलना यादगार रहा। उनके चाहने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मोदी 2014 में चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद स्वामीजी से मिलने पहुंचे थे।