पाचन अंगों से लेकर रीढ़ की दिक्कतों में मिलेगा लाभ
योगासनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना स्वास्थ्य के लिए बहुत कारगर माना जाता है। योग के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत को विशेष लाभ मिलता है। यदि आपके दिन का ज्यादातर समय बैठे-बैठे बीत जाता है तो कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास आपको कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाने में मददगार हो सकता है। योग विशेषज्ञों ने पाया कि रोजाना मार्जरी आसन के अभ्यास की आदत बनाना पाचन अंगों से लेकर रीढ़ की दिक्कतों को कम करने में लाभकारी है।
मार्जरी आसन को कैट-काऊ पोज के रूप में भी जाना जाता है। योग विशेषज्ञों ने पाया कि जिन लोगों को अक्सर पीठ में दर्द रहती है या फिर रीढ़ से संबंधित समस्याओं से परेशान रहते हैं उन्हें मार्जरी आसन के अभ्यास की आदत बनानी चाहिए, इससे सेहत को विशेष लाभ मिल सकता है। पाचन अंगों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और शरीर की बेहतर तरीके से स्ट्रेचिंग करने में भी इस योग से लाभ हो सकते हैं। आइए मार्जरी योगासन को करने के तरीके और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
मार्जरी आसन का अभ्यास कैसे किया जाता है?
मार्जरी आसन का अभ्यास काफी सरल है और इसे सभी उम्र के लोग करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह आसन शरीर की अकडऩ को कम करके आपको सक्रिय बनाने में भी काफी मददगार हो सकता है। इस योग के अभ्यास के लिए सबसे पहले फर्श पर दोनों घुटनों और दोनों हाथों को टेक कर बिल्ली जैसी मुद्रा बनाएं। जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं। अब लंबी सांस लें और सिर को पीछे की ओर झुकाते हुए टेलबोन को ऊपर उठाएं। फिर सांस छोड़ते हुए सिर को नीचे की ओर झुकाएं और ठुड्डी को छाती से लगाने का प्रयास करें। इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैट काऊ पोज के अभ्यास से होने वाले लाभ
योग विशेषज्ञ बताते हैं, मार्जरी योग के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को विशेष लाभ मिलता है।
यह रीढ़ के लिए बहुत अच्छा अभ्यास है। रीढ़ की हड्डी को फैलाने और इसके लचीलेपन में सुधार करते हुए इसे मजबूत बनाता है।
यह आसन आपकी कलाइयों को मजबूत बनाता है।
कैट काऊ पोज से कंधों को मजबूती मिलती है।
इस आसन में होने वाली गतिविधियां आपके पाचन अंगों की मालिश करती हैं और उन्हें सक्रिय करती हैं। नतीजतन, पाचन की प्रक्रिया में सुधार होता है।
यह आपके कूल्हों के आस-पास की अतिरिक्त चर्बी से छुटकारा दिलाकर एब्स को टोन करने में मदद करता है।
रक्त परिसंचरण में सुधार करके शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है।
दिमाग को शांत करता है, इस प्रकार आपको अनावश्यक तनाव और चिंता से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
मार्जरी आसन की सावधानियां
मार्जरी आसन के वैसे तो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हैं पर कुछ स्थितियों में विशेषज्ञ इसे न करने की सलाह देते हैं। यदि आप गर्भवती हैं तो इस स्ट्रेच योग को न करें। जिन लोगों को घुटने, पीठ या गर्दन में क्रोनिक दर्द रहता है, उन्हें भी मार्जरी आसन से बचना चाहिए। योग के अभ्यास से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अपने सेहत के आधार पर विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।