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राजस्थान के अस्पतालों में हुआ मॉक ड्रिल

मरीज को एडमिट करने से लेकर सभी चरणों पर किया अभ्यास

जयपुर। चीन में कोरोना के नए वैरिएंट से मचे हाहाकार को ध्यान में रखकर मंगलवार को प्रदेश के सरकार अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया गया। राजस्थान में ऑक्सीजन प्लांट, बेड्स, दवाइयों की उपलब्धता सहित इमरजेंसी उपायों को देखा जा रहा है। मॉकड्रिल के दौरान अजमेर के जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में जब ऑक्सीजन प्लांट को शुरू किया तो वह स्टार्ट ही नहीं हुआ। पता लगा कि उसका फिल्टर ही काम नहीं कर रहा है।

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वहीं, जयपुर में प्रदेश के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एण्ड सांइसेज में एक पेशेंट को व्हील चेयर पर लाया गया। मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। यहां पहुंचने से लेकर वॉर्ड में भर्ती करने और उसे ऑक्सीजन उपलब्ध कराने तक में कुल चार मिनट का टाइम लगा। इधर हेल्थ सेके्रटरी डॉ. पृथ्वी सिंह ने आज सभी जिलों के सीएमएचओ को निर्देश दिए है कि वे अपने-अपने एरिया में सीएचसी, उप जिला हॉस्पिटल और जिला हॉस्पिटल में भी मॉकड्रिल करवाकर हॉस्पिटल में उपलब्ध संसाधनों की जांच करें।

सभी हॉस्पिटल में भिजवाई चेक लिस्ट

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मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से सभी हॉस्पिटलों को चेक लिस्ट भिजवाई गई है। इस परफॉर्मा में सभी हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट या प्रभारी को हॉस्पिटल में उपलब्ध ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड्स की संख्या बताएंगे। साथ ही इनमें से कितने काम कर रहे हैं। कितने खराब हैं। इसकी जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कहा है।

लोगों को अवेयर करने के निर्देश

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मॉकड्रिल के अलावा आमजन को कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर के प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए। इसके लिए लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में कम जाने, मास्क का उपयोग करने और हैंड सैनेटाइजर समेत दूसरे बचाव के उपाय करने के लिए प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। साथ ही लोगों कोविड की बूस्टर डोज लगवाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अभी कोविड की टेस्ट पॉजीटिविटी रेट 0.1 फीसदी है, जो कंट्रोल है।

बंद मिला केंद्र सरकार का ऑक्सीजन प्लांट

चिकित्सा निदेशालय के अनुसार अजमेर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर मॉकड्रिल की गई। इसमें ऑक्सीजन प्लांट, मेडिसिन वार्ड सहित सभी के बारे में जांच की गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर वीर बहादुर सिंह और अस्पताल अधीक्षक डॉ नीरज गुप्ता ने ऑक्सीजन प्लांट पर जाकर उसकी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

उन्होंने ऑक्सीजन का फ्लो और प्योरिटी की जांच की। इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा दिया गया ऑक्सीजन प्लांट बंद पाया गया। पता चला कि ऑयल फिल्टर काम नहीं कर रहा था। इसको लेकर उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट इंजीनियर को तुरंत बदलने के निर्देश दिए।

कोटा में स्ट्रेचर फंस गया

कोटा मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में मॉकड्रिल के दौरान मरीज को इस स्ट्रेचर पर लाया गया। वो एंबुलेंस में अटक गया। नर्सिंग कर्मी कुछ देर तक कोशिश करते रहे, लेकिन स्ट्रेचर फंसा रहा। इसके काऱण मरीज को उठाकर दूसरे स्ट्रेचर पर रखना पड़ा।

बीकानेर में 1000 बेड ऑक्सीजन सुविधा के साथ उपलब्ध

बीकानेर में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग सचेत हो गया है। राज्य सरकार के निर्देश पर मंगलवार को बीकानेर के मेडिकल कॉलेज व बीकानेर शहर में स्थित सेटेलाइट हॉस्पिटल और गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ड्रिल किया गया। बीकानेर में इस समय कुल 20 ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। इन सभी प्लांट्स को परखा गया। अधिकांश प्लांट सही पाए गए इन प्लांट से ऑक्सीजन जनरेट भी की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि कहीं अत्यावश्यक होने पर यह खराब ना मिले। सीएमएचओ डॉक्टर अबरार पंवार ने बताया कि बीकानेर में 1000 बेड ऑक्सीजन सुविधा के साथ उपलब्ध है। फिलहाल सभी सही काम कर रहे हैं। जहां पर बैड खराब होंगे, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में आठ ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं। उन सभी को चेक किया गया कहीं-कहीं गड़बड़ी मिली जिसे ठीक किया जा रहा है। वही ऑक्सीजन बेड भी सही पाए गए हैं।

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