जो बाइडेन ने राष्ट्रपति पद संभालते ही देश को डब्ल्यूएचओ में फिर से शामिल होने के आदेश पर किए हस्ताक्षर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यभार संभालते ही देश को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में फिर से शामिल कराने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी पर कोरोना वायरस से निपटने में अक्षम होने और चीन के प्रभाव में आने का आरोप लगाते हुए अमेरिका को उससे अलग करने की घोषणा की थी।

ट्रंप ने पिछले साल अप्रैल में डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले कोष पर भी रोक लगा दी थी और कहा था कि इसे वास्तव में चीन द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। ट्रंप यही नहीं रुके थे, उन्होंने अमेरिका को संगठन से औपचारिक रूप से अलग करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।

फैसले के इस साल जुलाई से प्रभाव में आना था, लेकिन बाइडन के इस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने से अब पूर्व आदेश रद्द हो जाएगा। बाइडन ने अपने कार्यकाल के पहले दिन बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को लिखे एक पत्र में कहा कि अमेरिका, विश्व स्वास्थ्य संगठन का हिस्सा बना रहना चाहता है।

बाइडन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ कोविड-19 वैश्विक महामारी के निपटने के साथ-साथ वैश्विक स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के समक्ष खड़े अनगिनत खतरों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह के खतरों का सामना करने और वैश्विक स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका एक पूर्ण भागीदार और वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाता रहेगा।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अमेरिका की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) के साथ फिर सहभागिता का स्वागत करते हुए कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य संगठन का समर्थन करना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बनना टीके की सभी देशों में निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करेगा।