सर्दियों में क्यों कोरोना वायरस के बढऩे का है खतरा, जानें!

आपने भी ये बात कई जगह पढ़ी और सुनी होगी कि सर्दियों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ सकता है, जिससे आशंका है कि दोबारा से कोविड-19 मरीजों की संख्या बढऩे लगे। दुनियाभर के वैज्ञानिकों और कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी ये बात कही है कि आने वाली सर्दियों के लिए हमें पहले से तैयार रहना चाहिए क्योंकि संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।

ऐसी बातें क्यों कही जा रही हैं? ठंडे मौसम में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढऩे की आशंका का कारण क्या है? अगर सर्दियों में कोविड-19 इंफेक्शन दोबारा बढऩा शुरू होता है, तो आप इससे बचाव के लिए क्या उपाय अपना सकते हैं? ऐसी तमाम बाते हैं जो लोग इस समय जानना चाहते हैं। आइए आपको बताते हैं इन सभी सवालों के जवाब।

ठंड में कोविड संक्रमण बढऩे की आशंका इसलिए जाहिर की जा रही है क्योंकि कोविड-19 बीमारी एक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (श्वसन की बूंदों से फैलने वाला इंफेक्शन) है। सभी तरह के रेस्पिरेटरी वायरस से होने वाले लोग सर्दियों में काफी बढ़ जाते हैं फिर चाहे वो एंफ्लुएंजा हो या स््रक्रस्-ष्टशङ्क-2 के अलावा दूसरे तरह के कोरोना वायरस।

कोविड-19 इंफेक्शन दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था और इस पर रिसर्च आदि की शुरुआत जनवरी 2020 में शुरू हुई। ऐसे में महज 9-10 महीने पुराने इस वायरस के बारे में न तो अभी वैज्ञानिक बहुत अधिक जान पाए हैं और न ही स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस वायरस के व्यवहार को बहुत अधिक समझ पाए हैं। इसलिए वायरस के फैलने की आशंका बताई जा रही है।

भारत के संदर्भ में आने वाली सर्दियां इसलिए खतरनाक मानी जा रही हैं क्योंकि भारत के कई बड़े शहर सर्दियों में वायु प्रदूषण का शिकार होते हैं। खासकर राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी रोगियों के मामले काफी बढ़ जाते हैं। चूंकि कोविड-19 भी रेस्पिरेटरी इंफेक्शन है। ऐसे में आशंका यह है कि कोविड-19 का संक्रमण होने के बाद लोगों की सांस संबंधी तकलीफें प्रदूषण के कारण बढ़ सकती हैं। इसलिए उन इलाकों में खतरा ज्यादा है जहां प्रदूषण ज्यादा है।

सर्दियों में लोगों का व्यवहार और परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं कि उनके वायरल इंफेक्शन की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है। अभी तक कि रिसर्च के अनुसार ये वायरस बंद जगहों पर ज्यादा तेजी से फैलता है और खुली जगहों पर अपेक्षाकृत कम संक्रमणकारी होता है।

सर्दियों के मौसम में बाहर ठंड होने के कारण लोग ज्यादा से ज्यादा बंद जगहों पर रहेंगे। ज्यादातर समय लोग खिड़की, दरवाजों, पर्दों को बंद रखेंगे। ऐसे में बातचीत के दौरान, रोजमर्रा के कामों के दौरान और बंद जगह पर कई लोगों के साथ देर तक बैठने के कारण भी वायरस तेजी से फैल सकता है।

ठंड बढ़ेगी लोगों की आदतें बदलेंगी। बहुत सारे घरों में लोग आग जलाकर या रूम हीटर का इस्तेमाल करके तापमान को बढ़ाते हैं। कमरे का तापमान बढ़ाने के लिए रूम हीटर का इस्तेमाल करने में दरवाजे, खिड़कियां भी बंद की जाती हैं, जिससे गर्म हवा कमरे में ही बंद रहे।

ऐसे में बिना सही वेंटिलेशन के ताजी हवा बंद जगहों पर नहीं आ पाएगी और आग या हीटर के कारण अंदर की हवा रूखी होती जाएगी। हवा का ये रूखापन और बंद जगह वायरस का खराब वेंटलेशन इस बात की आशंका को बढ़ा सकते हैं कि कमरे में मौजूद लोगों में कोई भी कोविड का शिकार हो, तो अन्य लोगों तक ये वायरस फैल जाए।