विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे : डाॅ. सतीश पूनियां

  • अवैध शराब के गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए गहलोत सरकार के पास कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं: डाॅ. पूनियां
  • पेट्रोल-डीजल पर 2 की बजाए 10 प्रतिशत वैट कम करते मुख्यमंत्री गहलोत: डाॅ. पूनियां

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा के आगामी सत्र को लेकर कहा कि भाजपा विधानसभा में प्रदेश की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, प्रशासन एवं पुलिस की नाक के नीचे अवैध शराब का गोरखधंधा, लम्बित भर्तियाँ, सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी, भ्रष्टाचार, अराजकता सहित विभिन्न जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि इस बार पिछली बार से भी ज्यादा मुद्दे विधानसभा में होंगे, सत्र से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष एवं विधायकों के साथ हम प्रदेश के सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में नेता प्रतिपक्ष से बात करेंगे कि किस दिन बैठक करनी है और यह बात तय है कि इस बार गहलोत सरकार के खिलाफ मुद्दे इतने ज्यादा हंै कि बहुत मुश्किल होगी सदन में उन चीजों को फेस करने की।

भीलवाड़ा में अवैध शराब से हुई मौतों को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डाॅ. पूनियां ने कहा कि प्रदेश में बढ़ रहे अवैध शराब के गोरखधंधे को लेकर कहा कि किस तरीके से सरकारी लाइसेंस के पेरेलल भी यहाँ अवैध शराब बनती और बिकती है, राज्य सरकार को अच्छी तरीके से इस बारे में पता है और ऐसी घटनाएं केवल एक बार नहीं हुई, इस सरकार के रहते दर्जनों बार हुई है, पर सरकार ने इस पर किसी तरीके का संज्ञान नहीं लिया, कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं बनाया और इस कारण ये घटनाएं होती हैं। गहलोत सरकार की नाक के नीचे इस तरीके की घटनाएं सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े करती हैं।

राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डाॅ. पूनियां ने कहा कि ‘‘वो देर से भी आये और दुरूस्त भी नहीं आये’’। हमारी राज्य सरकार से केवल 2 प्रतिशत की मांग नहीं थी, उनको यदि राजस्थान की जनता की चिंता थी तो अभी भी देश में सर्वाधिक वैट पेट्रोल-डीजल पर राजस्थान में है, 2 कम किये उसकी बजाय 10 कम करते तो आमजन को अच्छी राहत मिलती। मुख्यमंत्री गहलोत झूठी वाह-वाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वैट केवल सियासी मुद्दा होता तो मुख्यमंत्री गहलोत को 2 साल में क्यों सूझा, ये तो पहले भी कर सकते थे। इसका मतलब उनका कहीं ना कहीं फोकस किसी ना किसी चुनाव को या अपनी अस्थिरता को लेकर है। वो जो सारे काम कर रहे हैं, उनके जितने फैसले आपने देखे होंगे, यू-टर्न करने वाले हैं। पहले वो लागू करते हैं, फिर उसमें कम करते हैं या पीछे हटते हैं।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि सरपंचों के पी.डी. खाते का भी बिल्कुल ऐसा ही दृश्य हुआ था, जिस पर गहलोत सरकार ने यू-टर्न लिया, इसलिए एसेम्बली का सेशन है और उन्होंने इतने अवसर दिये एसेम्बली में सरकार के खिलाफ। सियासी तौर पर गहलोत की उस रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है कि सदन में कम से कम उनको फेस सेविंग में एक मौका मिल जाये।