नई दिल्ली। भारत की नई विश्व चैंपियन कोनेरू हंपी ने कहा कि विश्व खिताब जीतना सपना सच होने जैसा है लेकिन रैपिड प्रारूप में यह उपलब्धि हासिल करने से वह भी हैरान थी क्योंकि वह हमेशा क्लासिकल प्रारूप में दावेदार रही हैं। हंपी ने मास्को में विश्व रैपिड एवं ब्लिट्ज टूर्नामेंट में रैपिड वर्ग का खिताब जीतकर वर्ष 2019 का शानदार अंत किया।
उन्होंने मास्को से स्वदेश लौटने पर कहा, यह मेरा पहला विश्व खिताब है। लोग लंबे समय से उम्मीद लगाए हुए थे कि मैं विश्व चैंपियन बनूं और यह वास्तव में अप्रत्याशित है। मैं रैपिड टूर्नामेंट में खिताब की दावेदार नहीं थी। मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और यह टाईब्रेकर तक खिंच गया। हंपी रैपिड की सफलता के बाद ब्लिट्ज में 12वें स्थान पर रही। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य क्लासिकल प्रारूप में विश्व खिताब जीतना है और वह इसे हासिल करने की कोशिश करेगी।
वह 2011 में क्लासिकल प्रारूप की विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में होउ यिफान से हार गई थी। हंपी ने कहा, मैं हमेशा दावेदार रही लेकिन कभी चैंपियन नहीं बन पाई। मैं इसके करीब तक पहुंची। मैं इसके लिये प्रयास जारी रखूंगी। जब इसे मुझे जीतना होगा तो मैं इसे जीतने में सफल रहूंगी। क्लासिकल विश्व खिताब के लिये पूरी तरह से भिन्न चुनौती होती है। आपको भिन्न प्रारूप के लिये अलग तरह के कौशल की जरूरत होती है। मैं इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास जारी रखूंगी।