सुख-समृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद
इस समय माघ माह की गुप्त नवरात्रि चल रही है। 30 जनवरी को गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि है। गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि बेहद खास मानी गई है। इस दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि पूजन के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना के साथ ही गुप्त नवरात्रि का समापन हो जाएगा। मां दुर्गा का ये रूप सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना जाता है। नवमी के दिन विधि-विधान से पूजा के साथ ही हवन किया जाता है। साथ ही देवी मां को भोग में हलवा-पूरी और खीर का भोग लगाया जाता है।
माघ गुप्त नवरात्रि नवमी पूजा विधि
नवमी के दिन प्रात: काल उठकर स्नान के बाद घर के पूजा स्थान पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा आरंभ करें। गणेश जी को फूल, माला और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद मोदक का भोग लगाएं। फिर धूप-दीप से गणपति की आरती करें।
भगवान गणेश की पूजा के बाद मां दुर्गा और इनके नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा शुरू करें। माता को जल या पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद माता को लाल चुनरी अर्पित करें। आभूषण, पुष्प हार चढ़ाएं।
इत्र, कुमकुम आदि अर्पित करें। साथ ही कुमकुम से तिलक लगाएं और लाल फूल अर्पित करें। अक्षत और नारियल चढ़ाएं। इसके बाद माता को भोग अर्पित करें। अंत में माता रानी की आरती करें। फिर दुं दुर्गायै नम: इस मंत्र का जाप करते हुए पूजा में हुई गलतियों के लिए माता से क्षमा मांगें। पूजा के बाद प्रसाद बांटे और खुद भी ग्रहण करें।
यह भी पढ़ें : सर्दी-खांसी में कौन से फल का सेवन है फायदेमंद और कौन सा बढ़ा सकता है परेशानी