पंच परमेष्ठी की उपासना करने से पुण्य का संचय होता है : मुनि श्री

डूंगरपुर। अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज एवं क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महाराज का पिच्छी परिवर्तन समारोह भीलूड़ा गांव के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर परिसर में हुआ। कार्यक्रम का मंगलाचरण पंडित सुमित जैन ने किया।

अंतर्मुखी ग्रुप और शांतिनाथ ग्रुप की बालिकाओं ने नृत्य किया। सर्वप्रथम भीलूडा जैन समाज के अध्यक्ष अरविंद शाह ने अतिथियों का स्वागत किया। अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर जी महाराज का पाद पक्षालन का जयपुर से आए पत्रकार तरुण लाल चंद जैन, अदिति जैन ने किया। क्षुल्लक अनुश्रवण महाराज का पाद पक्षालन का लाभ हितेश भरड़ा परिवार ने लिया।

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज को कमंडल भेंट करने का लाभ प्रेरणा शाह व अनीता जैन सागवाड़ा को मिला । अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज जी को पिच्छी भेट करने का लाभ प्रतिभा अशोक जी टूकावत परिवार को मिला। मुनि की पुरानी पिच्छी चेतना हितेश भरडा परिवार को मिली। क्षुल्लक अनुश्रवण सागर को पिच्छी भेंट करने का लाभ धार्मिक श्रीफल महिला परिवार भीलूडा को प्राप्त हुआ।

पुरानी पिच्छी कमलेश शाह परिवार को मिली। पूज्य सागर महाराज को शास्त्र भेंट करने का लाभ नितिन जैन जावद परिवार को मिला। क्षुल्लक अनुश्रमण सागर महराज को शास्त्र भेट और वस्त्र भेट करने का लाभ रमण लाल टूकावत परिवार को मिला। पिच्छी परिवर्तन के पहले भद्रबाहु स्वामी विधान किया गया। इस विधान में 64 अर्घ्य भद्रबाहु स्वामी को समर्पित किए गए। विधान के सौधर्म इंद्र चेतनलाल जैन थे।

भगवान शांतिनाथ का अभिषेक किया गया। तुष्टि जैन ने बताया कि धार्मिक श्रीफल परिवार और धार्मिक श्रीफल महिला परिवार का गठन किया गया विधिवद शपद ग्रहण आने वाले समय मे किया जाएगा। श्रीफल सर्वश्रेष्ठ परिवार पुरस्कार भीलूड़ा के प्रतिभा अशोक जैन व चंदनबाला हितेश जैन को दिया गया।

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