युथा सोश्यल आइकाॅन श्रवण दुग्गड़ किया जैन समाज को संबोधित

बाड़मेर। भारतीय जैन संघटना बाड़मेर चैप्टर की नई कार्यकारिणी के गठन के पश्चात् प्रथम बार भविष्यवादी युवाओं के लिए नई पीढ़ी-नई सोच कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय तेरापंथ सभा भवन में किया गया।

जैन संघटना बाड़मेर चैप्टर अध्यक्ष रमेश जैन व सचिव चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि रविवार को दोपहर 3 बजे स्थानीय प्रतापजी की पोल स्थित तेरापंथ भवन सभागार में परम पूज्य मुनिराज श्री सुमतिचन्द्रसागरजी म.सा. व साध्वी प्रियरंजनाश्रीजी म.सा. के पावन सान्निध्य में जैन संघटना बाड़मेर चैप्टर द्वारा भविष्यवादी युवाओं के लिए नई पीढ़ी-नई सोच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि श्री सुमतिचन्द्र सागरजी म.सा. द्वारा मंगलाचरण के द्वारा किया गया तत्पश्चात् कार्यक्रम संयोजक गौतम बोथरा, रूपेश मालू व विपुल बोथरा द्वारा स्वागत गीत लक्ष्य है ऊंचा हमारा की प्रस्तुति दी गई। बाड़मेर चैप्टर अध्यक्ष रमेश छाजेड़ द्वारा स्वागत भाषण व प्रदेश उपाध्यक्ष एडवोकेट मुकेश जैन द्वारा भारतीय जैन संघटना के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि भारतीय जैन संघटना मुख्य रूप से राष्ट्रीय समस्यों पर लक्ष्य केन्द्रित कर उनके निवारण हेतु गहराई से अध्ययन कर समाधान प्रस्तुत करने कार्य चार दशक से कर रहा है। वर्तमान में भारतीय जैन संघटना का कार्यक्षेत्र देश के लगभग 20 राज्यों में है। हजारों समर्पित कार्यकर्ता समाज के उत्थान के कार्य में लगे हुए है।

इस कार्यक्रम में जैन संघटना के प्रदेश उपाध्यक्ष व युथा सोश्यल आइकाॅन श्रवण दुग्गड़ द्वारा भविष्य में शिक्षा व करियर, मेरी बेटी मेरा अभिमान, हमारे परिवार का समग्र विकास, युवाओं के लिए भविष्य के उद्यम, युवा व्यवसायी हेतु 10 प्रतिशत वृद्धि और विजन 2030 और आज का जैन युवा आदि विभिन्न वर्तमान में प्रासंगिक विषय पर विशेष उद्बोधन दिया गया।

युथा सोश्यल आइकाॅन श्रवण दुग्गड ने उपस्थित सभाजनों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को अपनी समक्ष, अपनी क्षमता एवं अपने ज्ञान को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। हमें गर्व होना चाहिए कि हमारा जन्म मनुष्य योनी, आर्यक्षेत्र, जैन धर्म, उत्तम कुल हुआ है इससे ज्यादा हमारा क्या सौभाग्य हो सकता है। मनुष्य जीवन अत्यंत ही दुर्लभ है। तीर्थंकरों के दर्शन, गुरूवरों के दर्शन करने का सौभाग्य हमें मिला है। जन्म हमारे हाथ में नही है, मरना भी हमारे हाथ में नही है लेकिन जन्म और मरण के बीच जो सेतू है उसे हम कैसे जीऐं ये हमारे हाथ में है। हमें हमारी सकारात्मक सोच को बढ़ाने की आवश्यकता है।

उन्होने कहा कि गांधी जी ने तीन बंदरों के माध्यम से कहा था कि बुरा मत देखो, बुरा मत सुना, बुरा मत बोला लेकिन अब समय है अच्छा सुना, अच्छा कहो और अच्छा देखो क्योंकि आज के व्यक्ति को जो कहा जाता है वो उसके विपरीत ही करता है उसे अगर बुरा देखने से मना करेगें तो वो अवश्य ही उसे ही देखेगा। अब समय है हमें हमारे व्यापार के ट्रेंड को बदलने का क्योंकि हम आज भी 100-200 पुराने व्यापारी की पद्धति से व्यापार कर रहे है लेकिन अब व्यापार ई-काॅमर्स का युग आ गया है। हमें हमारी बेटियों का मनोबल बढ़ाना होगा उन्हें स्वयं की आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देनी होगी। भारतीय जैन संघटना द्वारा स्मार्ट गर्ल प्रोग्राम के माध्यम से ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है। आज के युग में उचित समय, उचित दिशा व सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में साध्वी श्री प्रियरंजनाश्रीजी म.सा. ने भारतीय जैन संगठना द्वारा देश व समाज की विभिन्न समस्यों पर चलाये जा रहे प्रोग्रामों की सराहना की तथा कहा कि भारतीय संगठना द्वारा समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का वृहद स्तर आयोजन कर समाज को जागृत करना चाहिए तथा आज की भटकती हुई युवा पीढ़ी को नई दिशा प्रदान करने में यह कार्यक्रम सफल होगें।

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इस कार्यक्रम के दौरान जैन संघटना बाड़मेर चैप्टर की नवीन कार्यकारिणी का शपथग्रहण दिलवाई गई। कार्यक्रम का सफल संचालन उपाध्यक्ष कैलाश बोहरा द्वारा किया गया।