बीकानेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को राजस्थान के देशनोक रेलवे स्टेशन का लोकार्पण करने जा रहे हैं, जो अब न केवल एक यात्री ठहराव है, बल्कि बीकानेर और पश्चिमी राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आईना बन चुका है। 14.18 करोड़ रुपये की लागत से इस स्टेशन को नये रूप में ढाला गया है। यह विकास अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत किया गया है, जिसमें देशभर के 103 स्टेशनों को एकसाथ नया जीवन दिया जा रहा है। मोदी पलाना में आयोजित सभा में इन सभी स्टेशनों का लोकार्पण करेंगे।
पुराने स्टेशन से आधुनिक प्रतीक तक
कभी पुराना, संकुचित और सुविधाओं से वंचित देशनोक रेलवे स्टेशन अब आधुनिक भारत की तस्वीर बनकर उभरा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि पुराने भवन में जगह की कमी और सुविधाओं के अभाव के चलते यात्रियों को खासी परेशानी होती थी। यही कारण रहा कि अमृत भारत योजना के तहत इसे चुना गया और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया।नये स्टेशन में बनाया गया है— प्रवेश व निकास द्वार, सुसज्जित सर्कुलेटिंग एरिया, सुव्यवस्थित पार्किंग ज़ोन, नया स्टेशन भवन और प्रवेश हॉल, वातानुकूलित वेटिंग हॉल, दिव्यांगजन अनुकूल शौचालय व रैम्प, जल बूथ, साइनेज, कोच इंडिकेशन बोर्ड, प्लेटफार्म शेल्टर और एलईडी प्रकाश व्यवस्था
बीकानेर की संस्कृति की झलक
रेलवे प्रशासन ने इस स्टेशन को केवल सुविधा संपन्न नहीं, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक पहचान से जोड़ा है। डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि देशनोक स्टेशन को न केवल तकनीकी रूप से उन्नत बनाया गया है, बल्कि इसे सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का माध्यम भी बनाया गया है। वेटिंग एरिया और दीवारों पर की गई चित्रकारी बीकानेर और पश्चिमी राजस्थान की झलक पेश करती है।इन चित्रों में मां करणी माता मंदिर, ऊंट, राजस्थानी लोक कला, पारंपरिक वेशभूषा, हवेलियां और मरुधरा की जीवनशैली को उकेरा गया है। यही नहीं, स्टेशन के बाहर भी सौंदर्यीकरण कर पर्यटकों के स्वागत को भव्य बनाया गया है।
मंदिर से महज दो मिनट की दूरी
देशनोक स्टेशन को अमृत भारत योजना में इसलिए शामिल किया गया क्योंकि यह प्रसिद्ध करणी माता मंदिर के बिल्कुल नजदीक स्थित है। यह मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहाँ हर दिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं और कई विदेशी पर्यटक भी मंदिर व राजस्थान की संस्कृति के लिए देशनोक पहुंचते हैं। रेलवे ने इस धार्मिक पर्यटन को ध्यान में रखते हुए स्टेशन पर सुविधाएं बढ़ाईं, जिससे यात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिले। बैठने की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय, वातानुकूलित प्रतीक्षालय और व्यापक पार्किंग क्षेत्र जैसी सुविधाएं यात्रियों की जरूरतों को पूरा करेंगी।
आधुनिकता और परंपरा का संगम
देशनोक स्टेशन अब उन चंद स्टेशनों में शामिल हो गया है, जहां तकनीकी उन्नयन के साथ स्थानीय परंपरा और विरासत को जीवित रखा गया है। यह केवल एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि एक अनुभव है, जहां यात्री ट्रेन पकड़ने से पहले राजस्थान की मिट्टी की खुशबू और बीकानेर की आत्मा को महसूस कर सकते हैं। बीकानेर के गौरव को राष्ट्रपटल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका लोकार्पण केवल एक स्टेशन उद्घाटन नहीं, बल्कि एक संदेश है— कि भारत का विकास बड़े महानगरों से लेकर छोटे धार्मिक स्थलों तक पहुंच रहा है। देशनोक स्टेशन का यह कायाकल्प बीकानेर को एक नई पहचान देगा और क्षेत्रीय पर्यटन को भी नया संबल प्रदान करेगा।