टीबी एक गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन, 80 प्रतिशत मरीजों में नहीं दिखता यह एक लक्षण

बैक्टीरियल इन्फेक्शन
बैक्टीरियल इन्फेक्शन

ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी एक गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, टीबी बैक्टीरिया से दुनिया की एक-चौथाई आबादी संक्रमित है और इनमें से 5 से 10 प्रतिशत लोगों में इसके लक्षण विकसित होते हैं और टीबी की बीमारी होती है। इतना ही नहीं, दुनियाभर में हर साल लगभग 20 लाख टीबी के नए मामले देखने को मिलते हैं।

क्या कहती है स्टडी?

स्टडी
स्टडी

टीबी का सबसे आम लक्षण कफ माना जाता है, लेकिन हाल ही में, द लांसेट इन्फेरक्शियस डिजीज में आई एक स्टडी के मुताबिक, टीबी के लगभग 80 प्रतिशत मरीजों में प्रेसटीटेंट कफ या खांसी जैसे लक्षण देखने को नहीं मिले। इस स्टडी के लिए एशिया और अफ्रीका के 12 देशों में लगभग 60,000 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें लगभग 60 प्रतिशत मरीजों में खांसी का कोई संकेत नजर नहीं आया।

लंबे समय तक रहने वाली खांसी को टीबी का एक महत्वपूर्ण लक्षण माना जाता है, जिसके कारण ज्यादातर मामलों में टीबी की जांच की जाती है। ऐसे में इस स्टडी के सामने आने से इस बात की ओर इशारा है कि टीबी के जांच के लिए और बेहतर और नए मापदंड अपनाने की जरूरत है। खांसी न होने की वजह से लोगों का ध्यान टीबी की ओर नहीं जाता है और इस कारण से इलाज में काफी देरी हो सकती है, जो इस बीमारी को और गंभीर बना सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है।

सांस लेने से भी फैल सकता है टीबी

सांस लेने से भी फैल सकता है टीबी
सांस लेने से भी फैल सकता है टीबी

इसके अलावा, एक गंभीर चिंता का विषय यह भी है कि इस स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों में खांसी की समस्या नहीं होती है, लेकिन उनके थूक में यह बैक्टीरिया पाया जाता है और उनके बोलने या सांस लेने से यह हवा में फैल सकता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को टीबी है, तो उसके आस-पास सांस लेने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

क्या है टीबी?

टीबी ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से होता है, जो फेफड़े या शरीर के किसी अन्य भाग, जैसे- स्पाइन, किडनी या दिमाग को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन इसके ज्यादातर मामले, फेफड़ों में देखने को मिलते हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, अगर आप टीबी बैक्टीरिया से संक्रमित है और अगर आप में टीबी के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, तो हो सकता है कि वह बैक्टीरिया इनएक्टिव हो। इसे लाटेंट ट्यूबरक्लोसिस कहा जाता है, लेकिन अगर आपमें इस बीमारी के लक्षण नजर आने शुरू हो गए हैं, तो इसका इलाज करवाना जरूरी होता है, नहीं तो, यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

टीबी के लक्षण

साल 2020 में लगभग 10 लाख लोगों की जान टीबी की वजह से गई है, इसलिए इस बीमारी का वक्त पर पता लगाना और इलाज करवाना बेहद जरूरी है। इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।

टीबी के लक्षण-

दो हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी होना
बलगम में खून आना
भूख न लगना
वजन कम होना
बुखार
थकान
सीने में दर्द होना
सांस लेने में या खांसते वक्त दर्द होना
रात को पसीने आना
ठंड लगना

किन लोगों को टीबी का इलाज करवाना चाहिए?

क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, कुछ खास परिस्थितियों में लोगों को टीबी की जांच जरूर करवानी चाहिए। किसी टीबी के मरीज के संपर्क में आए हैं। किडनी डिजीज, डायबिटीज या कोई क्रॉनिक बीमारी है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है। आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है। अगर माइकोबैक्टीरियोलॉजी लैब में काम करते हैं, तो टीबी की जांच जरूर करवाएं।

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