
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था के चीफ राफेल ग्रॉसी के ताज़ा बयान से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे हवा होते नजर आ रहे हैं जिनमें उन्होंने कहा था कि हमारे हवाई हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्र्म पूरी तरह नष्ट हो गया है।
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आईएईए के प्रमुख ग्रॉसी ने कहा है कि ईरान कुछ महीनों में एनरिच्ड यूरेनियम का उत्पादन कर सकता है।
इससे इस बात पर संदेह पैदा हो गया है कि तेहरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए अमेरिकी हमले प्रभावी रहे हैं या नहीं। ग्रॉसी ने सीबीएस न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पास जो क्षमताएं हैं, वे वहां हैं।
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आप जानते हैं कुछ ही महीनों में, मैं कहूंगा कि वे सेंट्रीफ्यूज के कुछ कैस्केड घुमाकर एनरिच यूरेनियम का उत्पादन कर सकते हैं, उन्होंने आगे कहा कि सच कहूं तो कोई यह दावा नहीं कर सकता कि सब कुछ गायब हो गया है और वहां कुछ भी नहीं है।
अंतराष्ट्रीय रिपोर्टों पर विश्वास करें तो नतांज और इस्फ़हान में साइटों पर हमलों ने ईरान की यूरेनियम को परिवर्तित करने और समृद्ध करने की क्षमता को काफी हद तक पीछे कर दिया है। लेकिन ग्रॉसी के ताजा बयान से ईजरायल और अमेरिका में हचलचल पैदा हो सकती है।
वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि उनके हमलों ने ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों को नष्ट कर दिया है, हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि अगर तेहरान चिंताजनक स्तर तक यूरेनियम का संवर्धन करता है तो वह ईरान पर फिर से बमबारी करने पर विचार करेंगे।