
मंडी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी ने अपने 16वें स्थापना दिवस के अवसर पर नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता के अपने सफर को याद किया। संस्थान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, एआर-वीआर तकनीक, क्वांटम साइंस और सेमीकंडक्टर्स/चिपसेट्स के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर अपनी अलग पहचान बनाई है। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल, और रोवियल स्पेस (फ्रांस) के सीटीओ डॉ. अमित कुमार पांडेय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इसके अलावा, दरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुराण चंद ठाकुर भी कार्यक्रम में शामिल हुए। आईआईटी मंडी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवलजीत सिंह ढिल्लों और संस्थान के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहेरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “तकनीक में हो रहे बदलावों में क्वांटम कंप्यूटिंग एक बड़ा उदाहरण है। पहले हमारे लिए सुपरकंप्यूटर ही तकनीक की ऊंचाई थे, लेकिन हाल ही में गूगल ने विलो नामक क्वांटम चिप लॉन्च की है। दावा किया गया है कि यह चिप मात्र पांच मिनट में उन गणनाओं को पूरा कर सकती है, जिनमें दुनिया के सबसे उन्नत सुपरकंप्यूटर को दस सेप्टिलियन साल (पूरे ब्रह्मांड की आयु से भी अधिक) लगेंगे। यह दिखाता है कि कैसे तकनीकी विकास हमारी अपेक्षाओं और क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाता है।” रक्षा मंत्री ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “आईआईटी मंडी के शोधकर्ता रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी और वर्चुअल रियलिटी जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रहे हैं। संस्थान के निदेशक की दूरदृष्टि और छात्रों की प्रतिभा को देखते हुए मुझे विश्वास है कि आईआईटी मंडी इन उभरती तकनीकों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”