होली के लिए फूलों से तैयार करें लाल, नीले, पीले रंग की गुलाल

होली के रंग
होली के रंग

होली खुशियों का त्योहार होता है। लोग आपस में गले मिलकर, एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर ये त्योहार मनाते हैं। गुलाल और रंगों के बिना होली का त्योहार अधूरा है। मार्केट में मिलने वाले रंग केमिकल से भरे होते हैं, जो आपके स्किन और बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे रैशेज, खुजली की समस्या हो सकती है, तो अगर आप होली फेस्टिवल को अच्छे से एन्जॉय करना चाहते हैं, तो नेचुरल कलर्स का ऑप्शन चुनें। प्राकृतिक रंग हर तरह से सेफ होते हैं। इनसे आंख, नाक, कान व गले को कोई नुकसान नहीं होता। और तो और इनसे पानी की भी बचत होती है। वैसे आप घर पर भी नेचुरल कलर तैयार कर सकती हैं इन फूलों की मदद से।

अपराजिता

नीले रंग के खूबसूरत अपराजिता के फूल को आप नीला गुलाल बनाने में इस्?तेमाल कर सकते हैं। आप इससे सूखा गुलाल और रंग दोनों बना सकते हैं।

गेंदे के फूल

गेंदे के फूल
गेंदे के फूल

गेंदे के फूलों का इस्तेमाल शादी, फेस्टिवल्स में सजावट से लेकर नेचुरल कलर्स बनाने तक में भी कर सकते हैं। पीले, नारंगी और लाल रंग के गेंदे से आप पूरे तीन रंग तैयार कर सकते हैं।

गुड़हल

गुड़हल
गुड़हल

गुड़हल या हिबिस्कस के फूल तो इतनी कलर्स में अवेलेबल हैं कि आप हर एक से एक नया रंग तैयार कर सकते हैं। लाल, गुलाबी, सफेद, पीले, पिंक कलर के गुड़हल होली के लिए नेचुरल गुलाल बनाने का बहुत ही बेहतरीन ऑप्शन हैं।

पलाश

होली के नेचुरल कलर्स बनाने में पलाश के फूलों का भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। पलाश के फूल भी लाल, पीले और नारंगी रंग के होते हैं, तो आप इनसे ये तीनों रंग तैयार कर सकते हैं। स्किन फ्रेंडली होने के साथ ही ये खुशबूदार भी होते हैं।

गुलदाउदी

बसंत के मौसम में खिलने वाले गुलदाउदी के फूलों से भी नेचुरल कलर तैयार किया जाता है। इसमें भी कलर्स की बहुत वैराइटी होती है। मतलब आप घर में ही कई तरह के गुलाल बना सकते हैं।

गुलाब

होली के लिए सुर्ख लाल रंग का गुलाल चाहिए, तो गुलाब के फूलों से इसे तैयार कर सकते हैं।

प्राकृतिक रंग व गुलाल के फायदे

इससे एलर्जी वाले व्यक्तियों को भी कोई नुकसान नहीं होता।
आंखों या मुंह में जाने के बाद भी कोई दिक्कत नहीं होती।
नाक, कान व गले के लिए किसी भी तरह से नुकसानदायक नहीं।

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