राजभवन में 16 वां आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम आयोजित

16th Tribal Youth Exchange Program organized at Raj Bhavan
16th Tribal Youth Exchange Program organized at Raj Bhavan

जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन के सच्चे संरक्षक है। आदिवासी युवाओं को चाहिए कि वे अपने स्थानों की विशेषता से जुड़ी संस्कृति संरक्षण में योगदान दे।

राज्यपाल बागडे 16 वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इसमें झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा राज्यों के विभिन्न जिलों के युवा सम्मिलित हुए है।

राज्यपाल ने महाराणा प्रताप की वीरता को याद करते हुए कहा कि उनका इतना ओज था कि अकबर को सोते समय भी ऐसा लगता था जैसे उसके सिरहाने सांप बैठा है। उन्होंने आदिवासी वीरों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने प्रताप और दूसरे राजाओं को मुगलों से युद्ध में निरंतर मदद की। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय इतिहास के ऐसे प्रसंगों से प्रेरणा लेते हुए बौद्धिक क्षमता बढ़ाने का आह्वान किया।

बागडे ने बिरसा मुंडा, गोविंद गुरु, कालीबाई आदि आदिवासी विभूतियों की चर्चा करते हुए जल, जंगल और जमीन बचाने के साथ ही आजादी आंदोलन में भी आदिवासियों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से आए आदिवासी युवाओं से संवाद करते हुए कौशल विकास से जुड़ने का आह्वान किया।

बागडे ने युवाओं को “विकसित भारत” के लिए योगदान देते हुए नया भारत बनाने के लिए मिलकर कार्य करने पर जोर दिया। राज्यपाल के सचिव डा. पृथ्वीराज ने राजस्थान में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं और दूर तक फैले रेगिस्तान के बारे में युवाओं को जानकारी दी।

आरम्भ में नेहरू युवा केंद्र के राज्य अधिकारी भुवनेश जैन ने सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में आदिवासी युवाओं ने अपने प्रदेश की संस्कृति से जुड़े नृत्य और गान के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। राज्यपाल ने आदिवासी युवाओं को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया।