पेयजल 1744, इंडस्ट्रीय कॉरिडोर 205 और सिंचाई के लिए 1360 एमसीएम मिलेगा पानी

ईआरसीपी
ईआरसीपी

जयपुर। राजस्थान में जिस पीकेसी-ईआरसीपी के समझौते को लेकर सियासत गरमाई हुई है उसे केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा में टेबल कर दिया है। हालांकि राजस्थान में भजनलाल सरकार ने पीकेसी-ईआरसीपी के समझौते को सूचना के अधिकार में यह कहकर देने से इंकार कर दिया था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। लेकिन राज्यसभा में सांसद घनश्याम तिवाड़ी के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में जल शक्ति मंत्रालय ने इस एमओयू की जानकारी दे दी है। इसमें राजस्थान को पेयजल के लिए 1744 एमसीएम, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीय कॉरिडोर को 205 एमसीएम और सिंचाई के लिए 1360 एमसीएम पानी देने की बात कही गई है।

ईआरसीपी
ईआरसीपी

हालांकि राजस्थान में कांग्रेस इस समझौते को सार्वजनिक नहीं किए जाने को लेकर यह आरोप लगा रही है कि इसमें सिंचाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। लेकिन राज्यसभा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जो जवाब पेश किया है उसमें सिंचाई के लिए 2.5 लाख हैक्टेयर कमांड एरिया को 1360 एमक्यूएम पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। राजस्थान में फिलहाल 1.5 लाख हैक्टेयर कमांड एरिया है। पिछले साल 28 जनवरी को दिल्ली में पीकेसी की प्लानिंग और डीपीआर तैयार करने के लिए राजस्थान,मध्यप्रदेश और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के बीच एमओयू हुआ था। इस योजना का नाम अब राम सेतु परियोजना कर दिया है।

5 दिसंबर को हुआ था समझौता

राजस्थान, मध्यप्रदेश ओर भारत सरकार के बीच पीकेसी-ईआरसीपी के लिए समझौता ज्ञापन पर 5 दिसंबर 2024 को जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के तहत राजस्थान को लगभग 3300 एमसीएम पानी मिलना है।

राजस्थान में इन 21 जिलों को पानी

झालावार, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरतल-तिजारा, कोटपुतली, बहरोड़, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दूदू, अजमेर, ब्यावर केकड़ी। हालांकि नई सरकार में जिलों का पुनर्सीमांकन किए जाने के बाद इसमें दूदू, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण को फिर से जयपुर में मर्ज कर दिया गया है। गंगापुर सिटी का भी जिला के का स्टेटस खत्म कर दिया है। एमपी को ये मिलेगा- 6 लाख हैक्टेयर सिंचाई के लिए 1815 एमसीएम, 71 एमसीएम पेयजल के लिए जिसमें शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़, सिहोर, गुना, रत्लाम, मंदसौर, उज्जैन और मालवा क्षेत्र को शामिल करते हुए धार तथा देवास शामिल हैं।

इनका कहना है

इस जवाब के बाद यह बिल्कुल स्पष्ट है कि नए ईआरसीपी-केपीसी प्रोजेक्ट में राजस्थान को न सिर्फ पीने का पानी मिलेगा बल्कि सिंचाई के लिए जल भी उपलब्ध हो सकेगा। इसलिए अब कांग्रेस के इस समझौते को लेकर लगाए गए आरोप बिल्कुल बेबुनियाद साबित हो गए हैं। इस समझौते के तहत एमपी और राजस्थान में न सिर्फ नए बांध बनेंगे बल्कि राजस्थान के 13 जिलों को पीने का पानी भी मिलेगा।

- घनश्याम तिवाड़ी
– घनश्याम तिवाड़ी

– घनश्याम तिवाड़ी
राज्यसभा सांसद

यह भी पढ़ें : सरकार सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए कर रही निरंतर कार्य : मुख्यमंत्री

Advertisement