
जयपुर। “धरती का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजन” कहा जाने वाला जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल, 30 जनवरी से 3 फरवरी 2025 तक होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में अपने 18वें संस्करण के साथ शानदार वापसी के लिए पूरी तरह तैयार है। फेस्टिवल की आयोजक कंपनी टीमवर्क आर्ट्स ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बहुत व्यवस्थित ढंग से तय किये गए कार्यक्रमों की एक झलक पेश की।फेस्टिवल के 2025 संस्करण का एक प्रमुख आकर्षण है प्रतिष्ठित कन्हैया लाल सेठिया पुरस्कार, यह पुरस्कार कविता के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है, जो इस बार हिंदी के प्रख्यात कवि बद्री नारायण को उनकी साहित्यिक प्रतिभा और समाज में परिवर्तन लाने वाली शक्ति के रूप में कविता को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाकर, साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रदान किया जा रहा है।
कवि बद्री नारायण को उनके प्रशंसित कविता संग्रह “तुमड़ी के शब्द” के लिए 2022 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। वे अपनी गहरी समाजशास्त्रीय दृष्टि से सम्पन्न, लोकधर्मी और विचारोत्तेजक कविताओं के लिए जाने जाते हैं। एक कवि, समाज-विज्ञानी और पब्लिक इंटलेक्चुअल के रूप में उनका योगदान साहित्यिक और अकादमिक दोनों क्षेत्रों में है।इस वर्ष, फेस्टिवल की थीम उन कथाओं पर आधारित है जो हमारी दुनिया को आकार देती हैं और उन पुस्तकों का जश्न मनाती है जो कल्पना को नई उड़ान देती हैं। मुख्य विषयों में ‘द फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ शामिल है, जिसमें वर्तमान वैश्विक-राजनीति, युद्ध और संघर्ष पर सत्र होंगे, साथ ही थिएटर, नृत्य, संगीत, कविता, सिनेमा, खेल, भोजन, जलवायु और कई अन्य विषयों पर भी सत्र होंगे। इन क्षेत्रों के प्रसिद्ध विशेषज्ञ संवाद को समृद्ध बनाने के लिए फेस्टिवल का हिस्सा होंगे।
नोबेल-बुकर पुरस्कार विजेताओं से लेकर, नीति-निर्माताओं और प्रसिद्ध लेखकों समेत लगभग 600 हस्तियां इस बार फेस्टिवल में शामिल होंगी। नूपुर संस्थान के सहयोग से साइन लैंग्वेज और इन्टरप्रिटेशन सेशन्स इस बार भी फेस्टिवल का हिस्सा होंगे जो हर व्यक्ति तक विचारों को पहुंचाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। दक्षिण एशिया का अग्रणी प्रकाशन-सम्मेलन जयपुर बुक मार्क (JBM), अनुवाद, कहानी कहने के नए तरीकों और प्रकाशन के भविष्य में एआई की भूमिका को चर्चा के केंद्र में रखते हुए अपना 12वां वर्ष मनाएगा।