देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट से हर किसी को सावधान हो जाना चाहिए : राजन

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट से हर किसी को सावधान हो जाना चाहिए। लिंक्डइन पर डाले गए अपने पोस्ट में उन्होंने कहा कि यदि अनौपचारिक सेक्टर को हुए नुकसान को भी शामिल कर लिया जाए, तो देश की अर्थव्यवस्था में इससे भी ज्यादा गिरावट दिखेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार ने कोरोनावायरस महामारी से पैदा हुई स्थिति में जो राहत दी है, वह बेहद मामूली है।

उन्होंने कहा कि इटली की 12.4 फीसदी गिरावट और अमेरिका की 9.5 फीसदी गिरावट के मामले में भारत की गिरावट बहुत ज्यादा है। जबकि अमेरिका और इटली कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए देशों में शामिल हैं। लेकिन भारत को इस तुलना से भी ज्यादा का नुकसान हुआ है।

बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार से मिलने वाली राहत और ज्यादा महत्वपूर्ण

भारत में कोरोनावायरस संक्रमण का मामला अभी बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में रेस्तरां जैसे गैर जरूरी श्रेणी में आने वाले खर्चों में अभी सुस्ती बनी रहेगी। ऐसी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार से मिलने वाली राहत और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।

सरकारी राहत बेहद कम है

उन्होंने कहा कि हालांकि अब तक सरकार द्वारा दी गई राहत बेहद कम है। हो सकता है सरकार बाद में राहत देने के लिए संसाधन को बचा रही हो। लेकिन इस रणनीति से नुकसान होगा। सरकार को ज्यादा कदम उठाने चाहिएं और ज्यादा खर्च करने चाहिएं। लेकिन शुरुआती धमाके बाद सरकार खोल में छुप गई है।

सरकार के लिए रघुराम राजन के सुझाव

सरकार और सरकारी कंपनियों को बकाए का भुगतान करना चाहिए, ताकि कंपनियों के पास नकदी बड़े। एक निश्चित सीमा से छोटी कंपनियों को उनकी आय और पिछले साल किए गए जीएसटी भुगतान के आधार पर छूट दी जानी चाहिए। कंपनियों के बढ़ते आकार के साथ यह छूट घटती जानी चाहिए।

सरकारी बैंको को महामारी के कारण जितना नुकसान हो रहा है, उसके हिसाब से उन बैंकों को रिकैपिटलाइज करने के लिए सरकार को पैसे अलग करने चाहिएं। प्राइवेट सेक्टर को भी मदद में आगे आने के लिए कहा जाना चाहिए। अमेजन, रिलायंस और वालमार्ट जैसी कंपनियां छोटी आपूर्तिकर्ताओं मदद कर सकती हैं। सभी समृद्ध कंपनियों को देनदारियों का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन दिया जा सकता है।