
भारतीय किसान संघ ने कृषि विभाग के उप निदेशक को सौंपा ज्ञापन
बीकानेर। खाजूवाला के किसानों के 2018 की बीमा के 5 करोड़ 96 लाख रुपए के क्लेम किसी न किसी वजह से पेंडिंग है। इतनी रकम का बकाया दावा 2017-18 का है। इतना ही नहीं सिंचित खाजूवाला को असिंचित मानकर भी क्लेम कम दिया जा रहा हैं जो सरकार व प्रशासन की लापरवाही का प्रमाण हैं, जिसका नुकसान किसान भुगत रहे है।
वहीं किसान संगठनों ने मांग की हैं कि किसानों के फसल नुकसान के बावजूद क्लेम रोकने वाली कंपनियों पर सरकार सख्त कार्रवाई करे। इस स्कीम में स्ट्रक्चरल बदलाव करने की जरूरत है, ताकि किसानों को असानी से क्लेम मिल सके।
भारतीय किसान संघ खाजूवाला द्वारा शुक्रवार को बीकानेर में कृषि विभाग के उप निदेशक कैलाश राठौड़ को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में शिवदत्त सिघड़ ने बताया कि वर्ष 2018, 2019 व 2020 का फसल बीमा क्लेम न मिलने के कारण अधिकांश गांवों के किसान बार-बार बैंक व कृषि विभाग कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।
बैंक द्वारा उनके खातों से प्रीमियम काटा गया है व बीमा क्लेम पास भी हुआ है। छोटे किसान जो बार-बार शहर नहीं आ सकते उन्हें सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। बीमा कंपनी, बैंक या कृषि विभाग भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे। किसान संगठनों द्वारा मांग की गई कि बीमा क्लेम से वंचित सभी किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए। इस दौरान ज्ञापन सौंपने में शिवदत्त सिघड़, रामसिंह राजपुरोहित, सोमदत्त भादू, सीताराम सियाग आदि मौजूद रहे।