इन जड़ी-बूटियों से बढ़े हुए बढ़े हुए यूरिक एसिड को करें कंट्रोल

यूरिक एसिड
यूरिक एसिड

वजन कम करने से लेकर एनर्जी बढ़ाने तक और यहां तक कि स्किन को हेल्दी रखने तक के लिए प्रोटीन जरूरी होता है, लेकिन इन फायदों के साथ ये भी जान लें कि शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढऩे से यूरिक एसिड भी बढऩे लगता है। जो खून के जरिए पैरों की अंगुलियों, घुटनों, टखनों, कोहनी और कलाइयों के ज्वॉइंट्स में जमा होने लगता है, जिससे इनमें दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। यूरिक एसिड की हाल-फिलहाल कॉमन प्रॉब्लम बन चुकी है, तो अगर आपको भी इन अंगों में दर्द का एहसास हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि ये इशारा हो सकता है शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड का। हालांकि इसे डाइट और एक्सरसाइज की मदद से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। साथ ही कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां भी इसमें मददगार साबित हो सकती है। जिसके बारे में आज हम जानेंगे।

अलसी के बीज

अलसी के बीज
अलसी के बीज

बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने में अलसी के बीजों का सेवन काफी फायदेमंद होता है। आप इसे सलाद, स्मूदी, सूप में मिलाकर खा सकते हैं। इसके अलावा रोटी का आटा गूंथते समय उसमें भी डाल सकते हैं। इससे रोटी का स्वाद नहीं बदलता, बल्कि उसके पोषक तत्व और ज्यादा बढ़ जाते हैं। बिना तेल या घी डालें हल्का भूनकर खाना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।

गिलोय

गिलोय
गिलोय

आयुर्वेद में गिलोय काफी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों से लेकर तने से निकलने वाला जूस हर एक चीज़ बेहद फायदेमंद है। इससे आप बढ़े हुए यूरिक एसिड को भी कंट्रोल कर सकते हैं। इसके तने से निकलने वाले रस में सूजन-रोधी और दर्द-निवारक गुण होते हैं, जो यूरिक एसिड बढऩे पर होने वाले जोड़ों के दर्द से आराम दिलाते हैं।

पत्थरचट्टा

हाई यूरिक एसिड में पत्थरचट्टा का सेवन भी फायदेमंद है। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो यूरिक एसिड के चलते होने वाली सूजन को कम करता है। इसके अलावा जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाता है।

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