महापुरुषों की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थान पर लगाया जाए: मल्लिकार्जुन खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे
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मल्लिकार्जुन खरगे बोले: पहले नहीं ली संसदीय समिति की अनुमति

नई दिल्ली।। राज्य सभा में सोमवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद परिसर के विभिन्न स्थानों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं को एक स्थान पर लगाकर प्रेरणा स्थल बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए मांग की कि सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थान पर लगाया जाए।
नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल खड़ा किया कि संसद परिसर में प्रतिमाओं को लगाने और स्थानांतरित करने से जुड़ी एक समिति है। उस समिति की अनुमति के बिना प्रतिमाओं को स्थानांतरित किया गया है।

प्रतिमाओं को स्थानांतरित कर एक प्रेरणास्थल बनाया गया: रिजिजू

इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्टीकरण दिया कि यह प्रतिमाएं पुरानी संसद के चारों ओर लगी हुई थीं। पुरानी संसद का गोलाकार स्वरूप था जबकि वर्तमान संसद का स्वरूप अलग है और इसका एक निश्चित आरंभ स्थल है। ऐसे में प्रतिमाओं को स्थानांतरित कर एक प्रेरणास्थल बनाया गया है। इससे किसी का भी अपमान नहीं हुआ है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने पहले लिखा था बिरला को पत्र

इससे पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि संसद परिसर में स्थित महात्मा गांधी, शिवाजी, बीआर आम्बेडकर और अन्य की मूर्तियों को उनके मूल स्थानों पर वापस लाया जाए। मूर्तियों को परिसर के पीछे स्थित प्रेरणा स्थल पर स्थानांतरित कर दिया गया है। विपक्षी दलों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पुरानी संसद में लगी महापुरूषों की प्रतिमाओं को नई संसद बनने के बाद शिफ्ट किया जा रहा है। उन सभी प्रतिमाओं को एक जगह लगाया जा रहा है। नई संसद में प्रेरणास्थल पर इन सभी प्रतिमाओं को एक स्थान पर लगाया जाएगा। जब से प्रतिमाएं हटाई गई हैं तभी से विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है। विपक्ष का कहना है कि ये प्रतिमाएं हटाना महापुरुशों का अपमान है।

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