
व्हे प्रोटीन एक सप्लीमेंट है, जो गाय के दूध से बना होता है। इसमें जरूरी अमीनो एसिड, खास तौर से ल्यूसिन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है जो कि मांसपेशियों के विकास और उनके रिपेयरिंग में मदद करता है। यह गाय के दूध में मिलने वाले 8 प्रोटीन से मिलकर बना है। व्हे प्रोटीन बनाने के दौरान इसे कई प्रकार से फिल्टर किया जाता है जिससे फैट और लैक्टोज की मात्रा कम की जा सके। ऐसे तो अधिकतर लोगों को व्हे प्रोटीन से कोई समस्या नहीं होती है और उन्हें इसके किसी गंभीर साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन फिर भी अनियंत्रित मात्रा के सेवन से या किसी प्रकार की एलर्जी के कारण व्हे प्रोटीन के अपने साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। व्हे प्रोटीन साइड इफेक्ट्स
गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल साइड इफेक्ट

व्हे प्रोटीन के अधिक सेवन से गट के गुड और बैड बैक्टीरिया का संतुलन गड़बड़ हो जाता है। इसके कारण गैस, ब्लोटिंग, कब्ज, पेट दर्द जैसी दिक्कत पैदा हो सकती है।
लिवर हेल्थ

अगर बिना किसी वर्कआउट या शारीरिक गतिविधि करे व्हे प्रोटीन का नियमित या अधिक सेवन किया जाए तो ये लिवर डैमेज कर सकता है।
हार्ट हेल्थ
हाई प्रोटीन लोड से भरा व्हे प्रोटीन में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक हो सकती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल और ब्लड फ्लो प्रभावित हो सकता है। इन बातों से हार्ट हेल्थ प्रभावित होता है और हार्ट की कार्यशैली बाधित हो सकती है।
ओस्टियोपोरोसिस
व्हे प्रोटीन से शरीर के अंदर मिनरल का असंतुलन हो सकता है, जिससे हड्डियों की डेंसिटी कम होती है और ओस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ सकती है।
ब्लड शुगर लेवल
व्हे प्रोटीन के कुछ ब्रांड शुगर और कैलोरी से भरे होते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और फिर ये खास डायबिटीक की हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है।
वजन बढऩा
प्रोटीन से भरपूर आहार के साथ प्रोटीन रिच व्हे प्रोटीन लेने से प्रतिदिन प्रोटीन जरूरत के अनुसार शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है जिससे वजन बढ़ जाता है।
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