राजस्थान के 100 किसानों को डीएस ग्रुप के ‘पहल’ प्रोजेक्ट से 25.38 लाख रुपयों की अतिरिक्त आय

100 farmers of Rajasthan get additional income from DS group
100 farmers of Rajasthan get additional income from DS group

ऐसे समय में जब वैश्विक महामारी कोरोना ने देश भर के लाखों किसानों की रोजी रोटी को बुरी तरह से प्रभावित किया है इसी समय में राजस्थान के डुंगरपुर जिले के 100 किसानों ने बंपर फसल का उत्पादन किया है। पिछले तकरीबन एक वर्ष में डुंगरपुर के इन किसानों ने डीएस ग्रुप के ‘पहल‘ प्रोजेक्ट से लाभ उठा कर 1,03,580 किलो सब्ज़ियों का उत्पादन किया। ये किसान अब तक 70,350 किलो सब्ज़ियों का विक्रय कर चुके है तथा इन किसानों को इससे 25.38 लाख रूपयों की अतिरिक्त आय हुई है।

डीएस ग्रुप द्वारा शुरू किए गए ‘पहल‘ प्रोजेक्ट में इन 100 किसानों को वाड़ी विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया गया

डीएस ग्रुप द्वारा सामाजिक उत्थान के लिए शुरू किए गए ‘पहल‘ प्रोजेक्ट में इन 100 किसानों को वाड़ी विकसित करने हेतु प्रशिक्षित किया गया जो कि आदिवासी ग्रामीण अंचल के लिए वरदान साबित हो रहा है। ‘पहल‘ प्रोजेक्ट किसानों को कम जमीन से कई प्रकार की फसल जैसे जमीन के अंदर एवं उपर उगने वाली सब्जियां, बेल वाली सब्ज़ियां एवं सीजनल फल आदि उगाने हेतु प्रेरित कर रहा है।

इस मोनोकल्चर विधि द्वारा कम जमीन में अधिक उपज ली जा सकती है। ‘पहल’ प्रोजेक्ट से जा रहा है जिससे स्थानीय मांग पूरी होने के साथ ही उन्हें अतिरिक्त आय मिल रही है। ‘पहल’ प्रोज ट छोटे और सीमांत किसानों को खेती के लिए पानी की दक्षता को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि और खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए है। इसका उद्देश्य स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए लाभप्रद स जी की खेती शुरू करना है और साथ ही किसानों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करना और उनकी आजीविका को सुरक्षित करना है।

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गरीब आदिवासी परिवारों के लिए कुपोषण और कई अन्य सामाजिक और आर्थिक समस्या के समाधान में भी ‘पहल’ प्रोजेक्ट सहायक है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित करने और क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के कार्य को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। आजीविका सुधार कार्यक्रम डीएस ग्रुप द्वारा सामाजिक उ ारदायित्व के प्रमुख कार्य में से एक है।

कोरोना महामारी में अप्रेल और मई माह में लॉकडाउन के दौरान जब देश भर में दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की कमी से राजस्थान भी जुझ रहा था डुंगरपुर के इन 100 आदिवासी किसानों ने 24,580 किलो स िजयों का उत्पादन किया और 17,050 किलो स जी को बेचकर उससे 5.88 लाख रुपयों की अतिरिक्त आय अर्जित की। इससे पहले सुराता सब्जियों की आपूर्ति के लिए गुजरात के मोडासा पर निर्भर था।

अब 60 से 70 प्रतिशत ताजा सब्ज़ियों की जरुरत डीएस ग्रुप के ‘पहल’ प्रोजेक्ट के कारण पुरी हो रही है। ‘पहल’ प्रोजेक्ट से जुड़े किसान कांतिलाल का कहना है कि इससे पहले परिवार को पालने के लिए पड़ोसी राज्यों में काम की तलाश मजबूरी थी, लेकिन अब वह इस नई तकनीक से पर्याप्त आय अर्जित करने में सक्षम हैं। उसके बच्चों को भी पर्याप्त भोजन और अच्छी शिक्षा मिल पा रही है और वह अपने सुरक्षित भविष्य के प्रति वह आश्वस्त नजर आ रहा हैै।