
कैलिफोर्निया में इन दिनों एक खास तरह की खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है। यहां आयोजित हुए कर्न काउंटी म्यूजिक फेस्ट लाइटनिंग इन ए बॉटल में शामिल हुए 5 लोगों में वैली फीवर के मामले आए हैं, जिसके बाद अब इस फेस्ट में हिस्सा लेने वाले अन्य लोगों को बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों से सावधान रहने की सलाह दी गई है। इस वायरल इन्फेक्शन से संक्रमित 5 में से 3 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस फेस्ट में 20,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस सिलसिले में कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक नई रिलीज में इस फेस्ट में शामिल हुए सभी लोगों को सावधानी बरतने और खांसी, बुखार, थकान, सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द जैसे लक्षणों के नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी और कैसे कर सकते हैं इससे अपना बचाव।
क्या है वैली फीवर?

वैली फीवर एक फंगल डिजीज है, जो सैन जोकिन वैली और कैलिफोर्निया के सेंट्रल कोस्ट में काफी आम है। इसे कोक्सीडिओडोमाइकोसिस या कोक्सी के नाम से भी जाना जाता है और यह एक फंगस के कारण होता है, जो मिट्टी और गंदगी में उगता है। इस बीमारी को वैली फीवर का नाम कैलिफोर्निया में सैन जोकिन वैली से मिला है। इस फंगल इन्फेक्शन वाली धूल में सांस लेने से लोगों या जानवरों के फेफड़े संक्रमित हो सकते हैं।
वैली फीवर के लक्षण

बात करें इस फंगल इन्फेक्शन के लक्षणों की, तो वैली फीवर से पीडि़त व्यक्ति में निम्न लक्षण नजर आते हैं।
बुखार
खांसी
थकान
सिरदर्द
ठंड लगना
जोड़ों में दर्द
धब्बेदार दाने
मांसपेशियों में दर्द
रात को पसीना आना
सांस लेने में तकलीफ
कितना खतरनाक है वैली फीवर?
बात करें इसके खतरनाक या घातक होने की, तो वैली फीवर शायद ही कभी घातक होता है। इससे संक्रमित लोगों में से सिर्फ 1त्न ही इससे मरते हैं। कई बार यह संक्रमण बिना लक्षण वाला होता है या फिर इसमें फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, दुर्लभ मामलों में, यह गंभीर बीमारी में बदल सकता है। इसका सबसे गंभीर रूप कोक्सीडायोडोमाइकोसिस है, जिसमें संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों जैसे त्वचा, हड्डियों, लिवर, ब्रेन, हार्ट और ब्रेन और रीढ़ की हड्डी (मेनिन्जेस) की सुरक्षा करने वाली झिल्ली तक फैल जाता है। इस स्थिति में पहुंचने के बाद अब यह फेफड़ों तक ही सीमित नहीं रहता है।
वैली फीवर से बचाव के तरीके
उन हिस्सों में जहां वैली फीवर आम है और बहुत ज्यादा गंदगी और धूल है, वहां फंगल स्पोर्स के संपर्क में आने से बचने के लिए एन95 मास्क का इस्तेमाल करें।
धूल भरी आंधी के दौरान जब आप घर के अंदर हों, तो आपको अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
बागवानी और खुदाई जैसी गतिविधियों के जरिए धूल के संपर्क में आने से बचें।
घरों में एयर फिल्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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