मराठी सिनेमा की वरिष्ठ अदाकारा सुहासिनी देशपांडे का निधन

सुहासिनी देशपांडे
सुहासिनी देशपांडे

मुंबई। मराठी सिनेमा की वरिष्ठ अदाकारा सुहासिनी देशपांडे नहीं रहीं। आज मंगलवार को अपने पुणे स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। मराठी के साथ-साथ उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया। साल 2011 में वे रोहित शेट्टी की ‘सिंघम’ में नजर आई थीं। यही उनकी आखिरी हिंदी फिल्म भी है।

मराठी इंडस्ट्री का बड़ा नाम थीं सुहासिनी

सुहासिनी मराठी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम थीं, उन्होंने वहां की कई लोकप्रिय फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखाया। इनमें मानाचं कुंकू (1981), कथा (1983), आज झाले मुक्त मी (1986), आई शापथ (2006) और चिरंजीव (2016) जैसी फिल्में शामिल हैं। इसके अलावा वे 2017 में रिलीज हुई मोनीश पवार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘ढोंडी’ में भी नजर आईं। वह एन. रेलेकर द्वारा निर्देशित 2017 की मराठी फिल्म छंद प्रीतिचा से भी जुड़ीं और 2019 में आई उनकी फिल्म ‘बाकाल’ भी है।

कल होगा अंतिम संस्कार

सुहासिनी देशपांडे का अंतिम संस्कार कल बुधवार को वैकुंठ श्मशान घाट पर होगा। सुहासिनी की आखिरी हिंदी फिल्म ‘सिंघम’ थी, जिसमें उन्होंने काजल अग्रवाल के किरदार काव्या की दादी का किरदार निभाया था।

12 साल की उम्र में शुरू किया था अभिनय

रिपोर्ट्स के मुताबिक सुहासिनी देशपांडे ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 12 साल की उम्र में की थी और पिछले 70 वर्षों में उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने अपने दमदार अभिनय कौशल से दर्शकों पर छाप छोड़ी। अभिनेत्री के निधन से कला जगत में शोक है।