लो फिर से बज गया चुनावी बिगुल…

चुनावी बिगुल
चुनावी बिगुल

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ दो लोकसभा तथा राजस्थान विधान सभा की सात सीटों सहित 48 विधानसभा उप चुनाव भी होंगे !!

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

देश के दो महत्वपूर्ण प्रदेशों महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधान सभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है और चुनाव का पूरा शेड्यूल भी जारी कर दिया है। महाराष्ट्र में एक चरण में तो झारखंड में दो चरणों में मतदान होगा।महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग होगी और वहीं, झारखंड में पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी।महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड चुनाव के नतीजे भी 23 नवंबर को आएंगे। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त होने वाला है।वैसे अगले साल दिल्ली विधान सभा के चुनाव भी होने हैं।

चुनाव आयोग की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया। उन्होंने महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही वायनाड(केरल ) और नांदेड़ (महाराष्ट्र) लोकसभा संसदीय क्षेत्रों और राजस्थान की सात एवं उत्तर प्रदेश की दस सहित 48 विधान सभा सीटों के उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया।

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में राजीव कुमार ने बताया कि देश की 47 विधानसभा सीटों और केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट और महाराष्‍ट्र की एक लोकसभा सीट के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी।उत्तर प्रदेश की 10 रिक्त सीटों पर उपचुनाव होना है।यह सीटें विभिन्‍न कारणों से खाली हुई हैं. वही मध्‍य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। मध्‍य प्रदेश में बुधनी और विजयपुर सीट के लिए उपचुनाव होना है।शिवराज सिंह चौहान के इस्‍तीफे के बाद बुधनी सीट पर चुनाव कराया जाएगा। वहीं विजयपुर सीट रामनिवास रावत के इस्‍तीफा देने से सीट खाली हुई है।राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं।दो सीटें मौजूदा विधायकों के निधन से खाली हुई थीं, वहीं पांच सीटें विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं।

राजस्थान में सात विधान सभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक प्रदेश में 13 नवंबर को वोटिंग होगी, वहीं 23 नवंबर को परिणाम आएंगे। राजस्थान में जिन सात सीटों पर उपचुनाव होगा उनमें से 4 सीट कांग्रेस, 1 सीट सांसद हनुमान बेनीवाल की आर एल पी , 1 सीट बाप पार्टी के सांसद राजकुमार रोत की थी। वहीं 1 सीट पर बीजेपी जीती थी।गौरतलब है कि खींवसर (नागौर), झुंझुनूं, दौसा, चौरासी (डूंगरपुर) और देवली उनियारा (टोंक)सीट लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं। हनुमान बेनीवाल, बृजेन्द्र ओला, मुरारीलाल मीना, राजकुमार रोत और हरिश्चन्द्र मीणा के सांसद बनने से पांच विधानसभा सीट खाली हुई थी। इसके बाद सलुम्बर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीना और रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबैर खान के निधन के बाद यह दोनों सीट भी खाली हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में होने वाले इन उपचुनाव में प्रदेश की दोनों ही बड़ी पार्टी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओ की प्रतिष्ठा दांव पर रहेगी। जहां एक तरफ मौजूदा भाजपा सरकार अपने 10 महीने के कार्यकाल को लेकर चुनाव में उतरेग, वहीं कांग्रेस पार्टी अपनी पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं और मौजूदा सरकार की कमियों को लेकर चुनावी मैदान में नजर आएगी। हालाँकि हरियाणा विधान सभा में मिली विजय से भाजपा का आत्म विश्वास इन दिनों सातवें आसमान पर है।

इधर कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का बंटवारा किया है। राजस्थान के दो दिग्गज नेता, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं। अशोक गहलोत को जी परमेश्वर के साथ मुंबई और कोंकण डिवीजन का सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है, जबकि सचिन पायलट और उत्तम कुमार रेड्डी को मराठवाड़ा डिवीजन का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है।

दरअसल, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एआईसीसी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और स्टेट इलेक्शन सीनियर को-ऑर्डिनेटर को नियुक्त किया है।इसके साथ ही अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी अलग-अलग क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उमंग सिंघार को विदर्भ (अमरावती और नागपुर) का सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है। वेस्ट महाराष्ट्र की जिम्मेदारी टीएस सिंह देव और एमबी पाटील को सौंपी गई है, जबकि नॉर्थ महाराष्ट्र में सैयद नासिर हुसैन और अनसूया सीतक्का को सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है।

पार्टी ने इन अनुभवी नेताओं को महाराष्ट्र चुनाव में ऑब्जर्वर नियुक्त कर चुनावी तैयारियों में मजबूती लाने की कोशिश की है।हरियाणा विधानसभा चुनाव के समय कई दिनों के बेड रेस्ट के बाद सियासत में सक्रिय हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी हाई कमान ने पार्टी का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया था। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा को भी सीनियर ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी मिली थी। यहीं नहीं गहलोत को स्टार प्रचारक भी बनाया गया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से सबक लेते हुए प्रदेश कांग्रेस ने अब बूथ कार्यकर्ताओं को मजबूत करने पर फोकस कर दिया है।

जिन सात विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं वहां पर अभी से बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के लिए बूथ मैनेजमेंट के प्रशिक्षण शिविर शुरू कर दिए हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा के दौरान वहां बूथ मैनेजमेंट कमजोर होने की बात भी सामने आई थी। यही वजह है कि हाईकमान ने बूथ कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के निर्देश दिए। इसके बाद ही समन्वय समितियों ने मंडल, ब्लॉक और बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बूथ कमेटियों के नए सिरे से गठन करने और सक्रिय कार्यकर्ताओं को ही समितियों में शामिल करने को कहा था। पार्टी नेताओं की मानें तो उपचुनाव में कांग्रेस बड़ी सभाओं से परहेज करेगी। नुक्कड़ सभाओं और डोर-टू-डोर संपर्क पर फोकस रहेगा।

इसके पीछे पार्टी की मंशा ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच बनाने की है। घर-घर संपर्क के जरिए कार्यकर्ता पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं के लाभार्थियों से भी हरियाणा राज्य से सटे झुंझुनूं और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए पार्टी ने अलग से रणनीति तैयार की है। दोनों विधानसभा क्षेत्रों को 18 सेक्टर में बांटा गया है, जिसमें 14 शहरी और चार ग्रामीण सेक्टर हैं। पार्टी ने यहां ब्लॉक, मंडल, सेक्टर और पंचायत स्तर के पदाधिकारियों को सात दिन के लिए अलग-अलग टास्क दिए हैं। क्षेत्र के मुद्दे, भाजपा-कांग्रेस के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू क्या हैं, जनता दोनों दलों को लेकर क्या सोचती है… इस पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। उसके बाद अगले टास्क दिए जाएंगे।

इस बीच कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठा दिया है, जिसे मुख्य चुनाव आयुक्त ने सिरे से खारिज कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जनता ने मतदान में शामिल होकर जवाब दे दिया है। जहां तक ईवीएम की बात है तो वे 100 फीसदी सुरक्षित हैं। अगर वे फिर से सवाल उठाएंगे तो हम उन्हें फिर जवाब देंगे।चुनावों की तारीख़ों की घोषणा होने के साथ ही चुनाव वाली सभी सीटों पर तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता लगने के साथ ही इन सीटों पर अब कोई भी उद्घाटन, लोकार्पण और सरकारी योजना की घोषणा नहीं हो सकेगी।

बता दें सरकार अब ऐसी कोई घोषणा नहीं कर सकेगी जिससे कि इन सीटों पर वोटर प्रभावित हो, ऐसे में नए सरकारी कामों पर रोक रहेगी। वहीं मंत्री गण इन सीटों वाले इलाकों में सरकारी वाहनों व सुविधाओं का उपयोग नहीं कर सकेंगे। देश में वन नेशन वन इलेक्शन के नारे के मध्य कुछ कुछ समय के अंतराल में हो रहें चुनावों से आचार संहिता के नाम से विकास और अन्य कई कार्य फिर से अवरुद्ध होने है । झारखंड के साथ महाराष्ट्र का चुनाव बहुत अहम है। इन चुनावों में कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के साथ भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसके अलावा राजस्थान में होने वाले सात विधान सभा उप चुनावों के कारण भजन लाल सरकार की साँख भी दाँव पर हैं। देखना है विधानसभा चुनावों की इस अग्नि परीक्षा में कौन सफलता हासिल करेगा?

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