
तेंदुओं से इंसानों को बचाने के लिए राजस्थान में अब ये होगा
जयपुर। राजस्थान के जंगलों में अब तेंदुओं के लिए नया प्रे-बेस तैयार किया जाएगा। वन विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया जिसमें सभी वन क्षेत्रों में तेंदुओं के लिए 25 से 50 हैक्टेयर तक का प्रे-बेस तैयार किया जाएगा। यह प्रे-बेस तेंदुओं की शिकार की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। इसके बाद इन शिकारों को तेंदुओं के लिए छोड़ा जाएगा ताकि बेघेरे शिकार की तलाश में जंगल से बाहर नहीं निकलें। वन विभाग ने इसके लिए अपने सभी मुख्य वन संरक्षक, उप वन संरक्षकों को इस संबंध में शीघ्र जमीन चिन्हित कर वित्तीय प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। आसान शिकार की तलाश में तेंदुए बन रहे आदमखोर
इंसान और तेंदुओं की मुठभेड़ में हो रही मौतें

प्रदेश में बीते 6 महीनों में करीब 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके लिए वन विभाग ने नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड व नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मदद भी मांगी थी।
वन विभाग के सेंस्स में 925 हुई तेंदुओं की आबादी
वन विभाग की ओर किए गए वॉटर होल सेंस्स के अनुसार इस साल तेंदुओं की आबादी 925 हो चुकी है जो 20222 में 818, 2020 में 637, 2019 में 635 व 2017 में 507 थी। वहीं एनटीसीए, वन विभाग तथा डब्ल्यूआईआई (वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया) के ज्वाइंट सर्वे में राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में 167 तेंदुए, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में 87 तेंदुए, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 49 तेंदुए तथा 19 तेंदुए रामगढ़ टाइगर रिजर्व में पाए गए थे।
तेंदुए के हमलें हाल में हुई मौतें
30 मई: तेंदुए ने राजसमंद में 2.5 वर्षीय बच्चे को मार कर खा लिया।
23 जून: उदयपुर के झाडौल में तेंदुए ने 55 वर्षीय लक्ष्मीलाल पर हमला कर जान ले ली। वे जंगलों में महुआ एकत्र करने गए थे।
29 जून: राजसमंद के राजनगर में श्रमिक रणसिंह पर हमला कर जान ले ली। रण सिंह अपने घर की तरफ पैदल जा रहे थे तब रास्ते में तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया था।
16 अगस्त: उदयपुर के फालसिया में तेंदुए ने स्कूल जाते हुए एक 10 वर्षीय बच्चे पर हमला कर उसकी जान ले ली।
26 अगस्त: राजसमंद के राजनगर में ही एक अन्य घटना में तेंदुए ने 35 वर्षीय रुक्मा भील की जान ले ली। जिस वक्त रुक्मा पर तेंदुए ने हमला किया था उस वक्त वे जंगल में बकरियां चरा रहे थे।
8 सितंबर- 40 वर्षीय मीराबाई जंगल से लकडियां चुन रही थी तो पीछे से तेंदुए ने हमला कर दिया और उन्हें घसीट कर झाडियों में ले गया। इस घटना में मीराबाई की मौत हो गई थी।
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तेंदुओं के इंसानी आबादी पर लगातार हो रहे हमलों से विभाग चिंतित है और इस मामले में उन्होंने नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड तथा नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है।
इसके बाद 18, 19, 20, 25, 28 और 30 सितंबर को तेंदुओं ने इंसानों को अपना शिकार बनाया। ये सभी हमले उदयपुर में ही हुए।
इसके बाद वन विभाग ने नरभक्षी तेंदुए की पहचान कर उसे गोली मार दी।