
● 2014 से 2024 के बीच रिटर्न भरने की संख्या में 120 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
● आयकर रिटर्न भरे गए
2014: 3.6 करोड़
2024: 7.9 करोड़ (2.2 गुना वृद्धि)
I. 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा रिटर्न भरने की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि।
● मोदी सरकार द्वारा कर चोरी और काले धन विरोधी कड़े कानून लागू किए जाने के फलस्वरूप 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा दाखिल की जाने वाली रिटर्न संख्या में लगभग 5 गुना वृद्धि हुई है।
2014: 1.85 लाख
2024: 9.39 लाख (5.07 गुना वृद्धि)
● 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए कुल आयकर देनदारी।
1 2014: 2.52 लाख करोड़ रुपए
2 2024: 9.62 लाख करोड़ रुपए (3.2 गुना वृद्धि)
● आयकर का 76 प्रतिशत हिस्सा 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों द्वारा भरा गया है। इस कारण मध्यम वर्ग पर पड़ने वाला कर का बोझ कम हुआ है।
1 तालिका 1.11 में दर्शाया गया है कि 3.58 करोड़ लोगों ने 0 से 10 लाख के बीच आयकर का भुगतान किया है। तालिका 1.1 से हमें पता चलता है कि 3.58 करोड़ लोगों ने 50 लाख तक की कमाई की है। इस प्रकार, जिन लोगों ने 10 लाख से अधिक कर का भुगतान किया है, उनकी आय 0.2 प्रतिशत के अंतर के साथ 50 लाख से अधिक है।
2 तालिका 1.1 में दर्शाया गया है कि 7,87,72,225 लोगों ने आईटी रिटर्न दाखिल किया है, जिनकी आय 50 लाख से कम है। तालिका 1.11 से पता चलता है कि 7,84,12,393 लोगों ने 0 से 10 लाख के बीच आयकर का भुगतान किया है। इस प्रकार, यह सहसम्बंधित किया जा सकता है कि जिन लोगों ने 10 लाख से अधिक आयकर जमा किया है, उनकी आय 0.45 प्रतिशत के अंतर के साथ 50 लाख से अधिक है।
II. मोदी सरकार द्वारा छूट सीमा बढ़ाए जाने से आयकर भरने से राहत पाने वालों में वृद्धि
● यूपीए ने मध्यम वर्ग पर अनुचित कर का बोझ डाल रखा था। 2014 तक 2 लाख रुपए से अधिक आय वाले सभी लोगों को कर देना पड़ता था।
● 2024 में, दाखिल 7.9 करोड़ रिटर्न में से 4.9 करोड़ शून्य आयकर भुगतान वाली हैं, क्योंकि मोदी सरकार द्वारा कर छूट सीमा बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दी गई थी।
● शून्य आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या
2014: 1.8 करोड़
2024: 4.9 करोड़ (2.7 गुना वृद्धि)
● 10 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं से आयकर संग्रह 2014 में कुल कर का 10.17 प्रतिशत था जो 2024 में घटकर 6.22 प्रतिशत हो गया।
III. मध्यम वर्ग पर कर बोझ में भारी कमी
● 2.5 लाख से 7 लाख रुपए तक की आय वालों के लिए आयकर देनदारी
3 यूपीए के तहत (मुद्रास्फीति समायोजित): 40,000 रुपए
यूपीए के तहत (वास्तविक): 25,000 रुपए
मोदी सरकार के तहत: 0
● इस प्रकार मोदी सरकार में 7 लाख रुपए तक की आय वाले लोगों को आयकर के रूप में कोई राशि नहीं देनी पड़ती। (वित्त वर्ष 2023-2024)
4 ● यहां तक कि वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए 7 लाख से 10 लाख रुपए कमाने वालों को भी आयकर के रूप में सालाना औसतन मात्र 43,000 रुपए देने थे।
32.5 लाख से 10 लाख के बीच कमाने वालों से संचित कर 25,000 है। 10 वर्षों में 5 प्रतिशत मुद्रास्फीति मानते हुए इसकी गणना 40,000 के रूप में की जाती है। चूंकि मोदी सरकार के तहत 7 लाख से 10 लाख के बीच कमाने वालों द्वारा चुकाया गया आयकर 43,000 है, इसलिए यहां केवल 2.5 लाख से 7 लाख ही लिए गए हैं।
4जबकि तालिका 1.11 के अनुसार भरे गए 4.9 करोड़ आयकर रिटर्न शून्य रिटर्न थे, तालिका 1 के अनुसार 4.49 करोड़ लोगों ने 5.5 लाख तक कमाया। इस प्रकार यह सहसम्बंधित किया जा सकता है कि 5.5 लाख तक कमाने वाले सभी लोगों ने शून्य रिटर्न दाखिल किया। अगले 2.2 करोड़ लोगों ने तालिका 1.11 से आयकर के रूप में 0 से 1.5 लाख के बीच भुगतान किया इस प्रकार, 7 लाख से 10 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों ने आयकर के रूप में 0 से 1.5 लाख रुपये तक का भुगतान किया और औसतन केवल 43,000 रुपये कर के रूप में चुकाये।
● वित्त वर्ष 2023-2024 के दौरान 7 लाख से 10 लाख रुपए कमाने वालों के 2.2 करोड़ आयकर रिटर्न भरे गए।
● यह उनकी आय का 4 से 5 प्रतिशत है, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम कर दरों में आता है।
● 10 लाख से कम कमाने वालों द्वारा जमा आयकर का प्रतिशत
5 2014: 10.17 प्रतिशत
2024: 6.22 प्रतिशत
मुद्रास्फीति के हिसाब से, 10 से 20 लाख रुपए के बीच आय वाले लोगों के करों में लगभग 70 प्रतिशत की कमी आई है। 10 से 20 लाख रुपए के बीच आय वाले लोगों द्वारा भरे जाने वाले वास्तविक करों में 50 प्रतिशत की कमी।
6 ● भारत में 10 लाख से 15 लाख रुपए के बीच कमाने वालों की औसत आयकर देनदारी
7 यूपीए दरों के तहत (मुद्रास्फीति समायोजित): 4.2 लाख रुपए
यूपीए दरों के तहत (वास्तविक): 2.3 लाख रुपए
मोदी सरकार के तहत- 2024 की दर: 1.1 लाख रुपए
● भारत में 15 लाख से 20 लाख रुपए आय वालों की औसत आयकर देनदारी
8यूपीए दरों के तहत (मुद्रास्फीति समायोजित): 7.2 लाख रुपए
यूपीए दरों के तहत (वास्तविक): 4.1 लाख रुपए
मोदी सरकार के तहत- 2024 की दर: 1.7 लाख रुपए
5 तालिका 1.1 और 1.11 से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि 10 लाख तक की आय वाले लोगों की संख्या 1.5 लाख तक आयकर देने वालों के बराबर है। इस प्रकार, 10 लाख तक की आय वाले लोगों ने 40,079 करोड़ रुपये आयकर के रूप में चुकाए, जो 10 प्रतिशत है।
6 https://cleartax.in/paytax/TaxCalculator
7 मानते हुए कि 2014 और 2024 के बीच औसत मुद्रास्फीति दर 6 प्रतिशत रही
8 Ibid
IV. मुख्य बातें
● भारत के मध्यम वर्ग यानि 20 लाख रुपये से कम आय वाले लोगों पर कर भार में काफी कमी आई है।
● कानूनों में कांट-छांट किए बिना उन्हें बेहतर तरीके से लागू करने के से 50 लाख रुपए से अधिक आय वाले लोगों द्वारा रिटर्न भरने की संख्या में काफी वृद्धि हुई है
आयकरदाताओं की सकल आय (रुपये में)
दाखिल आयकर रिटर्न संख्या (2013-2014)
दाखिल आयकर रिटर्न संख्या (2023-2024)
प्रतिशत वृद्धि
0 से 2.5 लाख
1,65,02,434
1,01,32,413
-38.60 प्रतिशत
2.5 लाख से 5 लाख
1,18,27,621
2,86,26,132
143.03 प्रतिशत
5 लाख से 10 लाख
55,11,558
2,79,36,822
406.88 प्रतिशत
10 लाख से 20 लाख
15,32,326
88,83,141
479.72 प्रतिशत
20 लाख से 50 लाख
5,09,745
31,93,747
526.54 प्रतिशत
50 लाख से 1 करोड़
1,09,171
5,89,762
440.22 प्रतिशत
1 करोड़ से ज्यादा
82,836
3,50,129
322.68 प्रतिशत
कुल
3,60,75,691
7,97,12,146
120.96 प्रतिशत