लघु उद्योगों के लिए लैंड कन्वर्जन में छूट, 35 लाख करोड़ के एमओयू धरातल पर लाने का वादा

Relaxation in land conversion for small scale industries
Relaxation in land conversion for small scale industries

वर्ष 2026 में फिर होगा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट: भजनलाल शर्मा

जयपुर। राइजिंग राजस्थान समिट के तीसरे दिन बुधवार को सरकार ने लघु उद्योगों के लिए एक बड़ा ऐलान किया। अब एक एकड़ जमीन पर लघु उद्योग स्थापित करने के लिए लैंड कन्वर्जन में छूट दी जाएगी। समिट की शुरुआत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) कॉन्क्लेव के साथ हुई, जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उद्योगों को बढ़ावा देने और 35 लाख करोड़ के एमओयू को धरातल पर लाने का वादा किया।

मुख्यमंत्री शर्मा का वादा: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, “हम 35 लाख करोड़ के एमओयू को जमीन पर उतारने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।”उन्होंने घोषणा की कि 11 दिसंबर 2025 को सरकार जनता के समक्ष यह बताएगी कि इन एमओयू में से कितने वास्तविकता में लागू किए गए। मुख्यमंत्री शर्मा ने यह भी घोषणा की कि 2026 में अगली राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट आयोजित की जाएगी, जिसमें पिछले दो सालों का लेखा-जोखा पेश किया जाएगा।

लघु उद्योगों को प्रोत्साहन:एमएसएमई कॉन्क्लेव में लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और नीतियों पर चर्चा की गई। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने सुझाव दिया कि नीतियों में मौजूद “इफ-नो-बट” (शर्तें और जटिलताएं) को हटाना चाहिए, ताकि उद्योग सुचारू रूप से चल सकें।

समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भागीदारी: समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने समिट को संबोधित किया और राजस्थान को निवेश के लिए आदर्श स्थान बताया। उन्होंने कहा, “राजस्थान में निवेशकों को हर संभव सुविधा और सहयोग दिया जाएगा, ताकि उद्योग यहां तेजी से विकसित हो सकें।”

35 लाख करोड़ के एमओयू: समिट में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए 35 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए हैं। सरकार ने निवेशकों को विश्वास दिलाया कि इन समझौतों को शीघ्रता से लागू करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
राइजिंग राजस्थान समिट ने राज्य में निवेश और उद्योग के क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाई हैं। लघु उद्योगों के लिए लैंड कन्वर्जन में छूट और 35 लाख करोड़ के एमओयू से राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। सरकार की प्रतिबद्धता और अगले दो वर्षों के लेखा-जोखा की योजना से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान निवेश और विकास के लिए तैयार है।