सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सिरेमिक्स में एकेडेमेशिएंस, तकनीकी विशेषज्ञों, सिरेमिक उद्योग व माइनिंग व भूविज्ञान सेक्टर के विशेषज्ञों की होगी सहभागिता : टी. रविकान्त

T. Ravikant
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– सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर सिरेमिक्स की शुरुआत की आवष्यक तैयारियां अंतिम दौर में
– सिरेमिक मिनरल्स बालक्ले, सिलिका सैंड, क्वार्ट्ज, चाइनाक्ले, फेल्सपार आदि के बहुतायत में भण्डार
– एक्सीलेंस सेंटर से सिरेमिक उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

जयपुर। प्रमुख शासन सचिव माइंस, भूविज्ञान व पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने कहा है कि राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर सिरेमिक्स की स्थापना से खनिज सिरेमिक के एक्सप्लोरेशन, खनन, गुणवत्ता, प्रसंस्करण, विश्वस्तरीय शोध, सिरेमिक आधारित उद्योगों की स्थापना सहयोग, मार्गदर्शन, टेस्टिंग और सिरेमिक उत्पादों के निर्माण तकनीक बदलावों को साझा करने और अनुभवों का लाभ प्राप्त करने के साथ ही प्रदेश में सिरेमिक उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर सिरेमिक्स की शुरुआत की आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में है।

प्रमुख शासन सचिव माइंस टी. रविकान्त गुरुवार को सचिवालय से वर्चुअली बैठक के माध्यम से देश और प्रदेश के जाने माने एकेडेमियंस, विशेषज्ञों, तकनीकी एक्सपर्ट, स्टार्टअप, स्टेक होल्डर्स सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर राजस्थान में सिरेमिक मिनरल्स के विपुल भण्डार के खनन से प्रसंस्करण तक विश्वस्तरीय शोध, तकनीक, विश्वस्तरीय उत्पाद, सिरेमिक मिनरल्स की राज्य में ही प्रोसेसिंग को बढ़ावा देकर सिरेमिक क्षेत्र में देश दुनिया में राजस्थान की पहचान बनाने की पहल की है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में सिरेमिक मिनरल्स बाल क्ले, सिलिका सैंड, क्वार्ट्ज, चाइना क्ले, फेल्सपार इत्यादी के बीकानेर, अजमेर, बाड़मेर, भीलवाडा, चित्तोडगढ, जयपुर, करौली, नागौर, पाली व राजसमन्द जिलों में विपुल भण्डार उपलब्ध है। राजस्थान का कच्चा माल प्रोसेेस होने के लिए अन्य प्रदेशों में जा रहा है। जबकि प्रदेष में ही सिरेमिक आधारित उद्योगों की स्थापना व रोजगार के अवसरों की विपुल संभावनाएं है।

टी. रविकान्त ने बताया कि एक्सीलेन्स सेंटर के संचालन में एकेडेमेशिएंस, तकनीकी विशेषज्ञों, सिरेमिक उद्योग से जुड़े हुए प्रतिनिधियों व माइनिंग व भूविज्ञान सेक्टर के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग को कोर टीम गठित करने और सीजीसीआरआई के विस्तारित सेंटर के अध्ययन के लिए अधिकारियों का दल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेंटर शुरु होते ही तत्काल आरंभ की जाने वाली सेवाओं को चिन्हित कर लिया जाए ताकि सेंटर स्थापना के पहले दिन से ही अपनी लाभदायकता सिद्ध कर सके। उन्होंने विस्तार से प्रतिभागियों से क्या, क्यों और कैसे पर चर्चा की ताकि एक्सीलेंस सेंटर फॉर सिरेमिक्स अधिक उपादेय हो सके।

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय और एमडीएम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. अजय शर्मा ने कहा कि राजस्थान मिनरल्स का प्रदेश है। हमें शोध, इंजीनियरिंग सिस्टम के साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता जांच व परिमार्जन की संभावनाओं पर भी काम करना होगा।निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना के लिए विशेषज्ञों से राय लेकर उसे और अधिक उपादेय बनाया जा रहा है। सिरेमिक मिनरल्स का ग्लास, सिरेमिक्स, बिजली के काम आने वाले इंसूलेटर, टायलेट में काम आने वाले सेनेटरीवेयर उत्पाद, रियल एस्टेट में काम आने वाली टॉयल्स, पॉट्री, ब्रिक्स, सेमी कण्डक्टर सहित विभिन्न उत्पादों को तैयार करने में सिलिका मिनरल्स की प्रमुख व प्रभावी भूमिका है।

कलाल ने बताया कि कोर कमेटी, अध्ययन दल और सेंटर के गवर्निंग काउंसिल व एक्जीक्यूटिव काउंसिल के प्रस्तावों को अंतिम रुप दिया जा रहा है।प्रिसिंपल साइटिंस्ट सीजीसीआरआई डॉ.पीके सिन्हा, नरोडा खुरजा के प्रभारी डॉ. एलके शर्मा, अन्ना यूनिवर्सिटी चेन्नई की प्रोफेसर मनीषा, आईआइटी बीएसयू सेरेमिक के प्रोफेसर शांतनु दास, सीजीसीआरआई एनआईआईटी व आईआईएसटी तिरुवनंतपुरम के अनंत कुमार, एलिटेक अर्थ साइंस कोलकोता के अजित सिंह चौधरी, डॉ.एनके शर्मा, प्रिंसिपल बीटीयू वाईएन सिंह आदि ने विस्तार से सेंटर की आवश्यकता, उदादेयता, आवश्यक सेवाओं और फेजिंग मैनर में सुविधाओं के विस्तार के संबंध में विचार साझा किये।

अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान एसएन डोडिया को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को निर्देशित किया गया। बैठक में संयुक्त निदेशक आशु चौधरी, ओएसडी कृष्ण शर्मा ने भी हिस्सा लिया। एडी माइंस वाईएस सहवाल, एसएमई डॉ. धर्मेंन्द्र लोहार, एसजी जीएस शेखावत, करणवीर, गोपालराम, एमई एमपी पुरोहित, महाप्रबंधक डीआईसी मती मंजू नैन सहित खान व भूविज्ञान, उद्योग, विष्वविद्यालयों, कॉलेजों, माइनिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने वर्चुअली हिस्सा लिया।

 

 

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