इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र अब पढ़ सकेंगे क्वांटम तकनीक

इंजीनियरिंग छात्र 
इंजीनियरिंग छात्र 
  • एआईसीटीई और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने लॉन्च किया कोर्स

नई दिल्ली। वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने व सटीक नेविगेशन जैसे कार्यों में क्वांटम तकनीक की तेजी से बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए देश में अब इससे जुड़े मैनपावर को तैयार करने में तेजी आयी है। इसके तहत फिलहाल जो अहम पहल की गई है, उसमें क्वांटम तकनीक को अब देशभर के इंजीनियरिंग कालेजों में प्रमुखता से पढ़ाने की तैयारी में है।
इसे लेकर अखिल भारतीय तकनीक शिक्षा परिषद ( एआइसीटीई ) और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने मिलकर स्नातक स्तर के लिए क्वांटम तकनीक से जुड़ा एक माइनर कोर्स लॉन्च किया है। जिसकी पढ़ाई कोई भी छात्र अब इंजीनियरिंग की अपनी पढ़ाई के साथ अतिरिक्त विशेषज्ञता के रूप कर सकेगा।

AICTE ने देश के सभी संस्थानों को कोर्स अपनाने के लिए कहा

एआईसीटीई ने इसके साथ ही देश भर के सभी तकनीक संस्थानों को इस कोर्स को अपनाने और छात्रों को इसके पढ़ने के फायदों से परिचित कराने को कहा है। एआईसीटीई के मुताबिक इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य आने वाली क्वांटम क्रांति के लिए देश में पर्याप्त मैन पावर को तैयार करना है। इन्हीं उद्देश्यों को देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले साल राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का ऐलान किया है। इस दौरान छात्र अब अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ तीसरे और चौथे सेमेस्टर में इसकी पढ़ाई कर सकेंगे।

30 क्रेडिट अंक का होगा कोर्स

स्नातक स्तर के लिए डिजाइन किया गया यह माइनर कोर्स 30 क्रेडिट अंक का होगा। छात्र अपनी इंजीनियरिंग के पढ़ाई के साथ पूल करके भी इसे कर सकेंगे। इस दौरान उन्हें 18 क्रेडिट अंक मिलेंगे। एआइसीटीई के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए क्वांटम तकनीक के इस पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने की तैयारियां चल रही है। इसे लेकर शिक्षकों की टीम भी तैयार करने सहित इसके लिए जरूरी प्रयोगशाला आदि को जुटाने का दिशा में प्रयास तेज हुए है। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत इस पूरे कार्यक्रम पर नजर भी रखी जा रही ही है। ऐसे छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए उद्योगों के साथ ही बातचीत की जा रही है।

क्वांटम तकनीक के विकास से प्रमुख फायदे

  • नेविगेशन के और सटीकता और सैटेलाइट सिस्टम की कमजोरियां दूर करने में मदद मिलेगी। इसकी मदद से किसी भी वातावरण में यह उपयोगी साबित हो सकती है।
  • वित्तीय धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। क्वांटम तकनीक के जरिए संचार नेटवर्क को सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • कंप्यूटर से जुड़ी जटिल समस्याओं का तेजी से और कुशलता के साथ निपटारा हो सकेगा।
  • जीवन रक्षक दवाओं को तैयार करने में तेजी आएगी। मौसम के और सटीक आंकड़े जुटाए जा सकेंगे।
  • पावर प्लांटों के रखरखाव को और बेहतर बनाया जा सकता है।