कैंसर से लड़ाई में ऐतिहासिक कदम: विन्जो और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने भारत में पहली जीन काउंसलिंग सुविधा शुरू करने के लिए साझेदारी की

Historic step in fight against cancer
Historic step in fight against cancer

विन्‍जो की ‘प्‍ले टू प्रिवेंट कैंसर’ पहल के माध्‍यम से, इस प्‍लेटफॉर्म और इसके यूजर्स ने भारत की पहली जेनेटिक काउंसलिंग एण्‍ड टेस्टिंग लैब के लिये योगदान किया

नई दिल्‍ली: विन्‍जो ने कैंसर का जल्‍दी पता लगाने और जीन काउंसलिंग को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल, ‘प्‍ले टू प्रिवेंट कैंसर’ शुरू की है। इस पहल के तहत कंपनी ने अपने 20 करोड़ यूजर्स को कैंसर की शुरुआती पहचान और इसके महत्‍व के बारे में जागरूक किया है। साथ ही, इस पहल के माध्यम से धन जुटाया गया, जिसे कैंसर के इलाज और जागरूकता के लिए समर्पित किया गया। इस पहल के अंतर्गत, विन्‍जो ने अपने प्‍लेटफॉर्म पर ‘प्‍ले टू प्रिवेंट कैंसर आवर’ का आयोजन किया। इसके जरिये यूजर्स ने दान किया, और कंपनी के 200 सदस्‍यों ने भी इन दान की गई धनराशि के बराबर राशि जुटाने में योगदान दिया। यह पूरी रकम टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के एडवांस्‍ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एण्‍ड एज्‍युकेशन इन कैंसर (ACTREC) को दान की गई। इस धन का उपयोग जीन काउंसलिंग टीम के प्रशिक्षण और कैंसर की रोकथाम के लिए किया जाएगा। यह सहयोग भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई दिशा तय करने और हर व्यक्ति को बेहतर देखभाल देने की दिशा में बढ़ने का प्रतीक है।

भारत में कैंसर अब मौत के प्रमुख कारणों में से एक बन गया है, और इसका प्रभाव मरीजों और उनके परिवारों पर भारी पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार, साल 2000 से 2019 के बीच 1.3 करोड़ भारतीयों ने कैंसर के कारण अपनी जान गंवाई। साल 2022 में दुनियाभर में 2 करोड़ कैंसर के नए मामले आए, जबकि 97 लाख लोगों की मृत्यु हुई। कैंसर की रोकथाम और शुरुआती पहचान में जीन काउंसलिंग एक प्रभावी माध्यम बनकर उभरी है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के साथ विन्‍जो की यह साझेदारी भारत में कैंसर से जुड़े आनुवांशिक जोखिम को बेहतर तरीके से समझने और कैंसर की शुरुआती पहचान एवं उपचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है। विन्‍जो के इस प्रयास का उद्देश्य है न केवल जागरूकता बढ़ाना, बल्कि भविष्य में कैंसर की रोकथाम के लिए मजबूत आधार तैयार करना। यह पहल भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य जीन काउंसलिंग के लिए जरूरी कौशल विकसित करना, जीन रिपोर्टिंग और स्क्रीनिंग जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में मदद करना, और पारिवारिक परामर्श को सरल बनाना है। जीन काउंसलिंग में ऐसे कौशल और प्रशिक्षण के लिए निवेश से कैंसर की रोकथाम, जागरूकता, और शुरुआती पहचान के प्रयासों को मजबूत करने में बड़ी मदद मिलेगी। इस पहल के जरिए भारत की क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की कम लागत वाली जेनेटिक टेस्टिंग लैब के माध्यम से यह सेवा सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से जुड़े सभी वर्गों के लिए सुलभ होगी।
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के कैंसर जेनेटिक्स क्लिनिक और लैब के प्रमुख डॉ. राजीव सरीन ने इस पहल के महत्व को समझाते हुए कहा, “विन्जो और इसके यूजर्स का धन्यवाद, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण योगदान से कैंसर से पीड़ित लाखों लोगों की मदद की है। जेनेटिक काउंसलिंग के प्रशिक्षित पेशेवर कैंसर मरीजों को समय पर, उनकी ज़रूरतों के अनुसार व्यक्तिगत और प्रमाणित सलाह प्रदान कर पाएंगे। इससे दान किए गए संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा। ऐसे प्रशिक्षित और प्रेरित पेशेवरों की आवश्यकता को समझते हुए, यह पहल भारत में कैंसर की रोकथाम और देखभाल में एक बड़ा कदम है।”

कैंसर के मरीजों और उनके परिवारों के लिए यह सफर केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक चुनौतियों से भी भरा होता है। आंकड़ों से पता चलता है कि हर पांच में से एक कैंसर मरीज डिप्रेशन का शिकार होता है, और हर दस में से एक को एंग्जायटी की समस्या होती है। ये समस्याएं मरीज के इलाज के किसी भी चरण या बीमारी की किसी भी अवस्था में हो सकती हैं। करीब 35-40% मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती हैं, जिनमें तनाव, नर्वस सिस्टम पर असर डालने वाले लक्षण, सोचने-समझने की क्षमता में गिरावट, और अचानक होने वाले बदलावों के कारण चिंता शामिल हैं। इन चुनौतियों का असर इतना गहरा हो सकता है कि कुछ मरीज आत्महत्या करने की सोच सकते हैं। बीमारी के शुरुआती दिनों में खासकर अकेलापन मरीजों को और भी कमजोर कर सकता है। कैंसर का निदान मिलने के बाद का समय मरीज और उनके परिवारों के लिए भावनात्मक रूप से सबसे कठिन होता है। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना और मरीजों को भावनात्मक सहयोग देना इस सफर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

विन्‍जो का प्‍लेटफॉर्म केवल गेमिंग का साधन नहीं, बल्कि कैंसर के मरीजों के लिए मानसिक सहारा भी बन गया है। यहां के गेम्स न केवल मनोरंजन देते हैं, बल्कि बीमारी के कारण होने वाले तनाव, चिंता और अकेलेपन को कम करने में भी मदद करते हैं। ये गेम्स मरीजों का ध्यान उनकी परेशानियों से हटाकर उनके मानसिक कौशल को बढ़ाने में मदद करते हैं। विन्‍जो पर मौजूद कैजुअल सोशल गेम्स एक तरह से मानसिक थैरेपी का काम करते हैं। ये मरीजों को अपनी सोच पर नियंत्रण रखना, मुश्किल परिस्थितियों में लचीलापन दिखाना और जानकारी को बेहतर तरीके से समझने जैसे कौशल सिखाते हैं। इससे डिप्रेशन और चिंता के लक्षणों में कमी आती है। विन्‍जो के यूजर्स ने बताया कि इस प्‍लेटफॉर्म ने कैंसर के इलाज के दौरान उनके जीवन में कितना बड़ा बदलाव लाया। गेम्स खेलते हुए उन्हें एक समुदाय का हिस्सा होने का एहसास हुआ, जिसने अकेलेपन की भावना को कम कर दिया। यह एहसास उनकी चिंता और डिप्रेशन को काफी हद तक कम करने में मददगार साबित हुआ।

द बैनयन एकेडमी ऑफ लीडरशिप इन मेंटल हेल्‍थ के वैज्ञानिक नचिकेत मोरे ने मानसिक स्वास्थ्य में गेमिंग की भूमिका पर बात करते हुए कहा, “कैंसर के मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बीमारी का पता चलने के बाद करीब 90% लोग चिंता का अनुभव करते हैं, और कई लोग अकेलेपन से जूझते हैं। लंबे इलाज के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो मरीजों और उनके परिवारों पर भारी असर डालती हैं। इस संदर्भ में, ऑनलाइन गेमिंग एक सकारात्मक और उपयोगी तरीका हो सकता है। यह मरीजों को एक सुरक्षित और रोचक वातावरण देता है, जहां वे अपने डर और चिंताओं से मुक्त होकर समय बिता सकते हैं।

गेमिंग के माध्यम से हम मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं, उन्हें सहयोग का एहसास दिला सकते हैं, और कैंसर के इलाज में एक नई ऊर्जा ला सकते हैं। ऐसे प्लेटफॉर्म्स मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक अनमोल संसाधन साबित हो सकते हैं।” कैंसर से उबर चुके एक व्यक्ति और विन्जो के यूजर ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “विन्जो के गेम्स ने मेरी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने में बहुत मदद की। जब भी मुझे चिंता या तनाव महसूस होता, मैं कुछ समय के लिए गेम्स खेलता और अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित करता। ये छोटे-छोटे गेम्स, जो अक्सर 2-3 मिनट के होते हैं, मेरी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाते थे। चाहे वह वर्ड पज़ल्स हल करना हो या नंबर गेम खेलना, इन गेम्स ने मेरा ध्यान बंटाया और मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया। इससे मैं अपने मुश्किल समय में भी प्रेरित और सकारात्मक बना रहा।”

विन्जो के विषय में

विन्जो भारत का सबसे बड़ा सामाजिक गेमिंग और इंटरैक्टिव मनोरंजन प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे 2018 में लॉन्च किया गया था। यह प्लेटफ़ॉर्म थर्ड-पार्टी डेवलपर्स के साथ साझेदारी में मल्टीप्लेयर गेम्स होस्ट करता है, जो उपयोगकर्ताओं को एक मनोरंजक और मजेदार अनुभव प्रदान करते हैं। विन्जो 15 भाषाओं में उपलब्ध है, जिनमें हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, बंगाली और भोजपुरी शामिल हैं। इसके 200 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और अब तक 5 बिलियन से ज्यादा गेम खेले जा चुके हैं। विन्जो पर 100 से अधिक गेम्स का पोर्टफोलियो है। कंपनी का ध्यान भारत के टियर 2 से टियर 5 शहरों के गेमर्स और गेमिंग इन्फ्लूएंसर्स की एक उत्साही कम्युनिटी बनाने पर केंद्रित है। विन्जो का लक्ष्य है कि यह प्लेटफ़ॉर्म भारत के गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र में एक सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक और मजेदार अनुभव प्रदान करे। इसका अद्वितीय माइक्रो-ट्रांजेक्शन मॉडल यूजर्स को न केवल खेल में मजा देता है, बल्कि उन्हें इसका वित्तीय लाभ भी पहुंचाता है।

विन्जो ने सीरीज-सी फंडिंग के माध्यम से 100 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। इस फंडिंग में ग्रिफिन गेमिंग पार्टनर्स, कोर्टसाइड वेंचर्स और मेकर्स फंड जैसे निवेशकों का सहयोग शामिल है। ये सभी गेमिंग और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के प्रमुख निवेशक हैं और उन्होंने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में अपना पहला निवेश विन्जो के जरिए किया है।