इंडोनेशिया में भगवान मुरुगन मंदिर का निर्माण दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी विरासत का नया स्वर्णिम अध्याय : पीएम मोदी

Construction of Lord Murugan temple in Indonesia is a new golden chapter of centuries old heritage between the two countries: PM Modi
Construction of Lord Murugan temple in Indonesia is a new golden chapter of centuries old heritage between the two countries: PM Modi

नई दिल्ली। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भगवान मुरुगन के मंदिर निर्माण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को खुशी जाहिर की है। मंदिर के महा कुंभाभिषेकम के अवसर पर उन्होंने दोनों देशों के संबंध मजबूत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया की सदियों पुरानी विरासत में आज नया अध्याय जुड़ रहा है।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर इंडोनेशिया के लोगों और भगवान मुरुगन को मानने वालों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, “मेरा सौभाग्य है कि जकार्ता के मुरुगन मंदिर में महा कुंभाभिषेकम जैसे कार्यक्रम का हिस्सा बन रहा हूं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की मौजूदगी ने कार्यक्रम को मेरे लिए और विशेष बना दिया है। भले ही मैं शारीरिक रूप से जकार्ता से सैकड़ों किलोमीटर दूर हूं। लेकिन मेरा मन इस आयोजन के उतने ही करीब है, जितना भारत और इंडोनेशिया के आपसी रिश्ते। अभी कुछ दिन पहले ही इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो 140 करोड़ भारतवासियों का प्यार लेकर लौटे हैं।”

पीएम मोदी ने सभी को जकार्ता मंदिर के महा कुंभाभिषेकम की बधाई देते हुए कहा, “भारत और इंडोनेशिया के लोगों के लिए आपसी रिश्ते सिर्फ जियोपॉलीटिकल नहीं हैं। दोनों देश हजारों वर्ष पुराने संस्कृति और इतिहास से जुड़े हैं। हमारा संबंध विरासत, विज्ञान और विश्वास का है। हमारा संबंध साझी आस्था और अध्यात्म का है। हमारा संबंध भगवान मुरुगन और भगवान राम का भी है। भारत से इंडोनेशिया जाने वाला व्यक्ति जब प्रम्बानन मंदिर में हाथ जोड़ता है, तो उसे काशी और केदार जैसी आध्यात्मिक अनुभूति होती है। भारत में इंडोनेशिया के रामलीला का मंचन भी होता रहता है।”

उन्होंने कहा, “आज जब भारत के लोग हवाई यात्रा के लिए गरुड़ इंडोनेशिया में बैठते हैं, तो उन्हें उसमें भी हमारी साझी संस्कृति के दर्शन होते हैं। हमारे रिश्ते कई मजबूत तारों से जुड़े हुए हैं। जब राष्ट्रपति प्रबोवो भारत आए थे, तो हमने दोनों देशों के साझी विरासत से जुड़ी कई बातें की थीं। आज जकार्ता में भगवान मुरुगन के इस नए मंदिर के जरिए हमारी सदियों पुरानी विरासत में नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ रहा है। यह मंदिर न सिर्फ आस्था का बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों का भी केंद्र बनेगा।”