
नट्स और ड्राई फ्रूट्स में भरपूर मात्रा में माइक्रोन्यूट्रिएंट पाए जाते हैं, जो बच्चे के सरी विकास में मदद करते हैं। जब बच्चे पोषण युक्त खाना खाने में आनाकानी करते हैं, तो इसका सीधा सरल रास्ता यही निकाला जा सकता है कि उनके ड्रिंक को ऐसे हेल्दी और टेस्टी बनाएं, जिससे आसानी से वह बिना किसी नखरे के इसे फटाफट खत्म कर दें और उनके शरीर को पोषण भी मिल जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे बच्चों के लिए हेल्दी और टेस्टी ड्राई फ्रूट पाउडक बनाने की आसान रेसिपी। आइए बनाते हैं पोषण की खान ड्राई फ्रूट पाउडर से बच्चे के दूध के ग्लास को और भी दिलचस्प।
ड्राई फ्रूट पाउडर की विधि

10 बादाम, 10 पिस्ता, 10 काजू, 100 ग्राम अखरोट और 75 ग्राम मखाना, आधा टेबलस्पून इलायची पाउडर, आधा टेबलस्पून जायफल पाउडर और केसर लें।
पिस्ता, बादाम, काजू और अखरोट को घी में रोस्ट करें।
पैन से निकाल कर ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
उसी पैन में केसर डाल कर हल्का गर्म करें।
सभी सामग्री को एकसाथ मिक्सर में डाल कर ब्लेंड करें और बारीक पाउडर बनाएं।
इस पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में लगभग 1 महीने तक स्टोर कर सकते हैं।
इस ड्राई फ्रूट पाउडर को केक या खीर आदि में भी मिलाया जा सकता है। इस रोजाना दूध में मिला कर पिलाने से बच्चे का सही विकास होगा।
ड्राई फ्रूट पाउडर के फायदे
एनर्जी से भरपूर
विटामिन, मिनरल, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, कैल्शियम, विटामिन ई से भरपूर होने के कारण ड्राई फ्रूट पाउडर इंस्टेंट एनर्जी देता है और बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
कब्ज से राहत
फाइबर से भरपूर होने के कारण ये ड्राई फ्रूट पाउडर कब्ज़ से भी राहत दिलाता है। जिन बच्चे का सही तरीके से पेट साफ नहीं हो पाता है उनके लिए ये पाउडर एक फायदेमंद विकल्प है।
पाचन तंत्र में सुधार
ड्राई फ्रूट पाउडर गट हेल्थ और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है।
प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत
बच्चों के अंदरूनी विकास के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है। ये ड्राई फ्रूट पाउडर को दूध में डाल कर बच्चे को देने से ये उनके विकसित हो रहे पाचन तंत्र के लिए एक प्रोटीन रिच शेक का काम करता है।
वेट गेन में सहायक
ड्राई फ्रूट्स में पानी की कम मात्रा पाई जाती है। ये हाई कैलोरी फूड है जिससे बच्चे के शरीर के लिए जरूरी सभी एसेंशियल और गुड फैट मिलते हैं।
ब्रेन डेवलेपमेंट में सहायक
ओमेगा थ्री फैटी एसिड से भरपूर ये ड्राई फ्रूट पाउडर बच्चे के ब्रेन हेल्थ और उसके डेवलेपमेंट के लिए बेहद जरूरी है।
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