
पूर्वी लद्दाख में ऑपरेशनल लाइट्स के लिए तैनात करने की तैयारी
भारतीय नौसेना मलक्का स्ट्रेट के करीब एक अभ्यास भी कर रही है। सेना के अंगों में जुड़ाव बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना अपने मिग-29के लड़ाकू विमानों को उत्तरी सेटर में ऑपरेशनल भूमिकाओं के लिए तैनात करने जा रही है। नौसेना के विमानों को भारतीय वायु सेना के बेसों पर तैनात किया जाएगा। ये कदम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के कुछ महीने पहले दिए बयान के मुताबिक उठाया जा रहा है( इसमें उन्होंने कहा था कि मैरीटाइम लड़ाकू विमानों को वायु सेना के साथ उत्तरी या पश्चिमी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा।
सरकारी सूत्रों ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया, ‘मिग-29 के लड़ाकू विमानों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ पूर्वी लद्दाख सेटर में ऑपरेशनल फ्लाइट्स के लिए उत्तरी क्षेत्र में भारतीय वायु सेना के बेस पर तैनात करने की योजना बनाई जा रही है।
एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य पर तैनात रहने वाले भारतीय नौसेना के मिग-29 के फाइटर जेट्स गोवा में नौसेना के फाइटर बेस INS हंसा से नियमित उड़ान भरते हैं। रूसी मूल के लड़ाकू विमानों को भारतीय नौसेना की ओर से एयरक्राट कैरियर के साथ एक दशक पहले खरीदा गया था ।
भारतीय नौसेना के मिग-29 के फाइटर जेट्स गोवा में नौसेना के फाइटर बेस INS हंसा से नियमित उड़ान भरते हैं
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ चल रहे विवाद में, भारतीय नौसेना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. नौसेना के सर्विलांस विमानों का इस्तेमाल एलएसी के साथ निगरानी के लिए किया जा रहा है ताकि चीनी गतिविधियों और पोजीशन्स पर नजर रखी जा सके।
डोकलाम गतिरोध के दौरान भी इन सर्विलांस विमानों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था। भारतीय नौसेना मलक्का स्ट्रेट के करीब एक अभ्यास भी कर रही है। यहीं से चीनी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करती है। एयरक्राट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य भी अपने कैरियर बैटल ग्रुप के साथ समुद्र में गया है. भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है. यहां वे अपने युद्धपोतों के साथ नियमित तौर पर आते हैं।